Maine Nata Toda

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Maine Nata Toda

Maine Nata Toda

550.00 450.00

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Author: Susham Bedi

Availability: 5 in stock

Pages: 242

Year: 2022

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126318568

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

मैंने नाता तोड़ा

‘मेरी आँखों के आगे एक बहुत महीन धागों का बुना जाल सा बिछ गया–एक-एक करके कितने ही चेहरे उस जाल में उलझते गुलझते जाते। गुस्से से लाल माँ की सूरत, गर्हणा से सिकुड़ा पिता जी का तेवर ! दीदी की भर्त्सना। अजय का सहानुभूतिमय जिज्ञासु पर खामोश चेहरा। क्या मैं कभी किसी को माफ़ नहीं कर सकी ! और एकबारगी ही मैंने अपने आप से कहा–अब मैंने यह नाता तोड़ा।’… यह ‘मैंने नाता तोड़ा’ उपन्यास की नायिका रितु का आत्मस्वीकार है। एक भरे पूरे घर में रहनेवाली रितु के साथ किशोरावस्था में हुई ‘दुर्घटना’ ने उसके पूरे अस्तित्व को जैसे भंग कर दिया। वर्जनाओं, चुप्पियों और संकेतों की जटिल दुनिया में बड़ी होते-होते रितु जाने कैसे-कैसे कच्चे-पक्के धागों में उलझती गयी। भारत से अमरीका जाने के बाद भी रितु की ये उलझनें कम नहीं हुई। अपने प्रेमी पति के साथ अभिशप्त अतीत से आंशिक मुक्ति का वर्णन अत्यन्त मार्मिक है। सुषम बेदी का यह उपन्यास नारी मन की उखाड़-पछाड़ का प्रभावी चित्रण है। रिश्तों और परिस्थितियों के बवंडर में कभी सूखे पत्ते सा उड़ता जीवन और कभी अपनी जड़ों से जुड़ता जीवन—जीवन के दोनों पक्षों का सटीक वर्णन सुषम बेदी ने किया है।

‘मैंने नाता तोड़ा’ वस्तुतः नातों-रिश्तों को यथार्थ के प्रकाश में देखने का उपक्रम है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

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