Mere Samaya Ke Shabda

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Mere Samaya Ke Shabda

Mere Samaya Ke Shabda

550.00 450.00

In stock

550.00 450.00

Author: Kedarnath Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 210

Year: 2016

Binding: Hardbound

ISBN: 9788171191291

Language: Hindi

Publisher: Radhakrishna Prakashan

Description

मेरा समय के शब्द

मेरा समय के शब्द – केदारनाथ सिंह हमारे समय के सुप्रतिष्ठित कवि हैं। उन्होंने समय-समय पर विभिन्न साहित्यिक विषयों पर विश्लेषणपूर्ण लेख लिखे हैं। कई बार तर्कपूर्ण विचारप्रवण टिप्पणियां की हैं। एक शीर्षस्थ कवि का यह गद्य-लेखन संवेदना व् संरचना की दृष्टि से अनूठा है।

‘मेरे समय के शब्द’ में केदारनाथ सिंह की रचनाशीलता का यह सुखद आयाम उदघाटित हुआ है। प्रस्तुत पुस्तक में कविता की केंद्रीय उपस्थिति है। हिंदी आधुनिकता का अर्थ तलाशते हुए सुमित्रानंद पन्त, अज्ञेय, नागार्जुन, मुक्तिबोध, त्रिलोचन, रामविलास शर्मा और श्रीकांत वर्मा आदि के कविता-जगत की थाह लगाई गई है। इस सन्दर्भ में ‘आचार्य शुक्ल की काव्य-दृष्टि और आधुनिक कविता’ लेख अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इसके अनंतर पांच खंड हैं- ‘पाश्चात्य आधुनिकता के कुछ रंग’, ‘कुछ टिप्पणियां’, ‘व्यक्ति-प्रसंग’, ‘स्मृतियाँ’ और ‘परिशिष्ट’।

पहले खंड में एजरा पाउंड, रिल्के और रेने शा की कविता पर विचार करने के साथ समकालीन अंग्रेजी कविता का मर्मंवेशन किया गया है। दूसरे खंड में विभिन्न विषयों पर की गई टिप्पणियां लघु लेख सरीखी हैं। ‘व्यक्ति-प्रसंग’ के दो लेख त्रिलोचन और नवर सिंह का आत्मीय आकलन हैं। अज्ञेय, श्रीकांत वर्मा और सोमदत्त की ‘स्मृतियाँ’ समानधर्मिता की ऊष्मा से भरी हैं। ‘परिशिष्ट’ में तीन साक्षात्कार हैं। एक उत्तर में केदारनाथ सिंह कहते हैं, ‘…नयी पीढ़ी को एक नयी मुक्ति के एहसास के साथ लिखना चाहिए और अपने रचनाकर्म में सबसे अधिक भरोसा करना चाहिए अपनी संवेदना और अपने विवेक पर।’ यह पुस्तक शब्द की समकालीन सक्रियता में निहित संवेदना और विवेक को भलीभांति प्रकाशित करती है।

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Hardbound

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Publishing Year

2016

Pulisher

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Hindi

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