Nath Sampraday

-20%

Nath Sampraday

Nath Sampraday

299.00 239.00

In stock

299.00 239.00

Author: Hazari Prasad Dwivedi

Availability: 5 in stock

Pages: 231

Year: 2019

Binding: Paperback

ISBN: 9788180318948

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

नाथ सम्प्रदाय

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी ऐसे वांङ्मय-पुरुष हैं जिनका संस्कृत मुख है, प्राकृत बाहु है, अपभ्रंश जघन है और हिंदी पाद है। नाथ सिद्धों और अपभ्रंश साहित्य पर उनके शोधपरक निबंध पढ़ते समय मन की आँखों के सामने उनका यह रूप साकार हो उठता है। नाथ सम्प्रदाय में गुरु गोरखनाथ के लोक-संपृक्त स्वरुप का उद्घाटन किया है। स्वयं द्विवेदीजी के शब्दों में गोरखनाथ ने निर्मम हथौड़े की चोट से साधु और गृहस्थ दोनों की कुरीतियों को चूर्ण-विचूर्ण कर दिया। लोकजीवन में जो धार्मिक चेतना पूर्ववर्ती सिद्धों से आकर उसके पारमार्थिक उद्देश्य से विमुख हो रही थी, उसे गोरखनाथ ने नयी प्राणशक्ति से अनुप्राणित किया।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

Language

Hindi

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Nath Sampraday”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!