Nigahon Ke Saye

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Nigahon Ke Saye

Nigahon Ke Saye

250.00 190.00

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250.00 190.00

Author: Jaan Nisar Akhtar

Availability: 5 in stock

Pages: 230

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 9789389598629

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

निगाहों के साये

‘‘जाँ निसार अख़्तर के फ़िल्मी नग़में साहिर लुधियानवी की शायरी की तरह तख़्लीक़ीयत और ग़िनाइयत की बदौलत हमेशा तर-ओ-ताज़ा रहेंगे। ऐसे सच्चे शायर की जगह तारीख़ में तो होती ही है, लोगों के दिलों में भी महफूज़ रहती है।’’

— डॉ. गोपीचन्द नारंग

‘‘मेरी मुसीक़ी की कामयाबी में बहुत ही अहमतरीन भूमिका निभाई थी जाँ निसार साहब की राइटिंग ने। आप ही बताइए अय दिल-ए-नादाँ… क्या ग़ज़ब का गीत नहीं है ? यह नग़मा अपने आप में रेवोल्यूशन था रेवोल्यूशन।’’

— ख़य्याम

‘‘मैं विजय अकेला को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ जिन्होंने इस किताब को सम्पादित करके फ़िल्म जगत के एक महत्त्वपूर्ण गीतकार को पाठकों तक पहुँचाया है और इस ओर भी इशारा किया है कि गीतकारिता में अगर साहित्य भी मिल जाए तो फ़िल्म-गीत भी लम्बी उम्र पा लेते हैं जैसे जाँ निसार के इस गीत ने पाई है— ये दिल और उनकी निगाहों के साये मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साये’’

— निदा फ़ाज़ली

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Hindi

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Publishing Year

2020

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