Pratidin

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Author: Mamta Kaliya

Availability: Out of stock

Pages: 117

Year: 2000

Binding: Hardbound

ISBN: 8171789145

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

प्रतिदिन

हिन्दी की सुपरिचित लेखिका ममता कालिया की कहानियों के इस संग्रह में शिक्षित मध्यवर्गीय नारी की आशाओं, आकांक्षाओं, संघर्षो और स्वप्नों का यथार्थपरक अंकन हुआ है। ममता कालिया हिन्दी के उन कथाकारों में उल्लेखनीय हैं, जिन्होंने मध्यवर्गीय भाव-बोध को अपनी कहानियों का विषय बनाते हुए भी उसकी सीमाओं का अतिक्रमण किया है। मध्यवर्गीय भाव-बोध के प्रति तीखी व्यंग्य-दृष्टि का सहज और तार्किक विकास उनकी जीवन-दृष्टि की गतिशीलता का प्रमाण है। नारी के प्रति परम्परागत भारतीय दृष्टिकोण को नकारते हुए वे किन्हीं पतनशील जीवन-मूल्यों को स्वीकार नहीं करतीं, बल्कि समाज के स्वस्थ जीवन-मूल्यों को आत्मसात् करती हुई, उन्हें नई सामाजिक अर्थवत्ता प्रदान करती हैं। घर की चारदीवारी में कैद नारी की मुक्ति-आकांक्षा उघैर उसका संघर्ष ममता कालिया को अधिकांश कहानियों का प्रस्थान बिन्दु है, जिसके आसपास वे समूचे कथानक को बुनती हैं।

इन कहानियों के पात्रों से लेखिका का सम्बन्ध इतना सीधा और आत्मीय है कि वे हमारी आँखों के सामने गतिशील होने लगते हैं। कहना न होगा कि इस संग्रह की कहानियाँ भारतीय नारी के संघर्ष और उसकी छटपटाहट को मार्मिक प्रसंगों के माध्यम से उद्‌घाटित करती हैं।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2000

Pulisher

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