Raavi Likhata Hai

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Raavi Likhata Hai

Raavi Likhata Hai

200.00 155.00

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200.00 155.00

Author: Abdul Bismillah

Availability: 5 in stock

Pages: 143

Year: 2010

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126719556

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

रावी लिखता है

पाश्चात्य और भारतीय सभ्यता-संस्कारों के बीच पुल बनाता, एक संवेदनशील तथा शालीन मुस्लिम परिवार का मार्मिक दस्तावेज। लेखक ने वर्तमान के माध्यम से अतीत के कथाचित्र का सजीव चित्रण किया है और साहित्य की एक सशक्त प्राविधि ‘फैंटेसीका बखूबी प्रयोग करते हुए उपन्यास को एक नए सौंदर्य शास्त्र से सृजित किया है।

उपन्यास में एक निम्न मध्यवर्गीय लेकिन कर्मशील मुस्लिम परिवार की कई पीढ़ियों की जीवनगाथा का रोचक ब्यौरा प्रतुस किया गया है। उनकी संस्कृति व सामाजिक सरोकारों के साथ-साथ यह उपन्यास ग्रामीण जीवन की गहनता, प्रकृति प्रेम, खेत-खलिहानों के दृश्यों का भी सफ़र करता है। भारतीयता की जड़े कितनी सशक्त, गहरी और शाश्वत हैं और उनका प्रभाव कितना दूरगामी है, यह उपन्यास इस सच्चाई को स्थापित करता है। पाश्चात्य संस्कृति में पीला बच्चे जिन्हें देशी रहन-सहन, खानपान, भाषा और अपने दुर्व्यवस्था से अजीब-सा परहेज था, उनका सहज रूपांतरण एक खूबसूरत प्रक्रिया है।

लेखक ने नए और पुराने जीवन और समाज को बिना किसी टकराहट के एक श्रृंखला में बांधने और सामंजस्य बनाने का एक सार्थक और अनिवार्य कार्य किया है जो आज के समय की आवश्यकता भी है।

इस उपन्यास में आज की कंप्यूटर, मेसेज, इ-मेल की इलेक्ट्रोनिक दुनिया और तेज रफ़्तार भौतिक जीवन के बीच संबंधो, रिश्तों और संवेदनाओं को कैसे जीवित रखा जा सकता है, इन पहलुओं को भी सरल भाषा में संजोया गया है। भाषा की रवानगी कृति की पठनीयता को badhati है और पाठक के अंतर्मन से एक रिश्ता भी बनाती है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

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Publishing Year

2010

Pulisher

Language

Hindi

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