Ramkatha

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599.00 479.00

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Author: Father Kamil Bulke

Availability: 9 in stock

Pages: 666

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9789393603609

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

रामकथा

सुयोग्य लेखक ने इस ग्रन्थ की तैयारी में कितना परिश्रम किया है यह पुस्तक के अध्ययन से ही समझ में आ सकता है। रामकथा से सम्बन्ध रखने वाली किसी भी सामग्री को आपने छोडा नहीं है। ग्रन्थ चार भागों में विभक्त है। प्रथम भाग में ‘प्राचीन रामकथा साहित्य’ का विवेचन है। इसके अन्तर्गत पाँच अध्यायों में वैदिक साहित्य और रामकथा, वाल्मीकि कृत रामायण, महाभारत की रामकथा, बौद्ध रामकथा तथा जैन रामकथा सम्बन्धी सामग्री की पूर्ण परीक्षा की गयी है।

द्वितीय भाग का सम्बन्थ रामकथा की उत्पत्ति से है और इसके चार अध्यायों में दशरथ जातक की समस्या, रामकथा के मूल स्रोत के सम्बन्ध में विद्वानों के मत, प्रचलित वाल्मीकीय रामायण के मुख्य प्रक्षेपों तथा रामकथा के प्रारम्भिक विकास पर विचार किया गया है ।

ग्रन्थ के तृतीय भाग में ‘अर्वाचीन रामकथा साहित्य का सिंहावलोकन’ है। इसमें भी चार अध्याय हैं। पहले दूसरे अध्याय में संस्कृत के धार्मिक तथा ललित साहित्य में पायी जानेवाली रामकथा सम्बन्धी सामग्री की परीक्षा है। तीसरे अध्याय में आधुनिक भारतीय भाषाओं के रामकथा सम्बन्धी साहित्य का विवेचन है। इसमें हिन्दी के अतिरिक्त तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, काश्मीरी, सिंहली आदि समस्त भाषाओं के साहित्य की छानबीन की गयी है।

चौथे अध्याय में विदेश में पाये जाने वाले रामकथा के रूप का सार दिया गया है और इस सम्बन्थ में तिब्बत, खोतान, हिन्देशिया, हिन्दचीन, स्याम, ब्रह्मदेश आदि में उपलब्ध सामग्री का पूर्ण परिचय एक ही स्थान पर मिल जाता है। अन्तिम तथा चतुर्थ भाग में रामकथा सम्बन्धी एक-एक घटना को लेकर उसका पृथक-पृथक विकास दिखलाया गया है। घटनाएँ काण्ड-क्रम से ली गयी हैं अतः यह भाग सात कांडो के अनुसार सात अध्यायों में विभक्त है। उपसंहार में रामकथा की व्यापकता, विभिन्न रामकथाओं की मौलिक एकता, प्रक्षिप्त सामग्री की सामान्य विशेषताएँ, विविध प्रभाव तथा विकास का सिंहावलोकन है।

– धीरेन्द्र धर्मा

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Paperback

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Publishing Year

2023

Pulisher

Language

Hindi

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