Sapne Mein Aaye Teen Pariwar

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Sapne Mein Aaye Teen Pariwar

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495.00 425.00

In stock

495.00 425.00

Author: Narendra Kohli

Availability: 5 in stock

Pages: 276

Year: 2013

Binding: Hardbound

ISBN: 9789350723494

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

सपने में आये तीन परिवार

व्यंग्य समाज की विद्रूपताओं से उत्पन्न वह रचना है, जो उनकी आलोचना कर उनका पर्दाफाश करती है। कथनी और करनी के अन्तराल से उत्पन्न यह वह अभिव्यक्ति है, जो यथार्थ की विरूपताओं को उधेड़ती हुई उसके आदर्श पक्ष की स्थापना का आग्रह लिए होती है। इस तरह व्यंग्य सामाजिक शिवत्व की एक साधना है। वह समस्त विरूपताओं के खिलाफ़ एक दृष्टि है, जो विभिन्न रचनाकारों की रचनात्मक प्रकृतियों के अनुकूल विविध स्वरूप धारण करती है। कहीं तो उसका स्वरूप कट्टर आलोचक के रूप में उभरता है, तो कहीं वह विनोदजन्य उपहास तक सीमित रहता है। कहीं उसकी भूमिका निर्मम चिकित्सक की होती है, तो कहीं गहन-गम्भीर चिन्तक की। साहित्यिक व्यंग्य वह औज़ार है, जो लक्ष्य को भेदकर तिलमिला देने की क्षमता रखता है। साथ ही जीवन के शाश्वत मूल्यों की आस्था व्यंग्य को आनन्द और उत्साह के अक्षय स्रोत का दर्जा देती है। हिन्दी-व्यंग्य-लेखन में नरेन्द्र कोहली का व्यंग्य एक नये मोड़ के रूप में प्रकट होता है।

पूर्ववर्तियों द्वारा कथ्य के रूप में मुख्यतः राजनीति और शिल्प के रूप में अधिकांशतः निबन्ध के ट्रैक पर हाँका जा रहा व्यंग्य नरेन्द्र कोहली द्वारा एक नयी दिशा प्राप्त करता है। पूरी मनुष्यता, समाज और व्यवस्था उनके व्यंग्य में स्थान पाती है। शायद वे ही पहली बार व्यंग्य को एक अलग और ओजपूर्ण विधा के रूप में स्वीकारते हैं और उसे उस रूप में। निखारते भी हैं।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2013

Pulisher

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