Urgent Meeting

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Author: Jayvardhan

Availability: 5 in stock

Pages: 64

Year: 2014

Binding: Hardbound

ISBN: 9789380146546

Language: Hindi

Publisher: Kitabghar Prakashan

Description

अर्जेन्ट मीटिंग

(रंग जगत् के अन्तरंग रंग को दर्शाता एक व्यंग्य नाटक)

प्रथम प्रदर्शन रंगभूमि, दिल्ली द्वारा 23 अप्रैल, 2005 को एल०टी०जी० ऑडिटोरियम, मंडी हाउस में किया गया, तथा वर्ष की उत्कृष्ट नाट्य-प्रस्तुति के रूप में चुना गया। उदयपुर, ग्वालियर, जबलपुर, चण्डीगढ़, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, इलाहाबाद, नागपुर, ग़ाज़ियाबाद, हमीरपुर, रायपुर एवं दिल्ली में आयोजित अनेक राष्ट्रीय नाट्य-समारोहों में इस नाटक के अब तक लगभग 20 सफ़ल प्रदर्शन हो चुके हैं।

पात्र-परिचय

अमर बहादुर चौहान : चौकीदार

डी० भटनागर : डिप्टी डायरेक्टर

अजन्ता : नाट्य-समीक्षिका

प्रो० सदानन्द भारती : नाटक के प्रेमी

अनुभव त्रिपाठी : अनुवादक

नमन कुमार : अभिनेता

अचल : युवा लेखक

घनानन्द बजाज : कला संस्था के मालिक

अजीत नारंग : नाट्य-निर्देशक

रामभरोसे : सीनियर ड्राइवर (संदेशवाहक)

[अस्त-व्यस्त बैठक कक्ष। दोपहर के बाद का समय। चौकीदार के साथ कला एवं संस्कृति विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डी० भटनागर का प्रवेश, जिनके हाथ में वाटर जग और कुछ फ़ाइलें हैं।]

चौकीदार : आइये साब, आइये। ज़रा यहाँ की हालत देखिए। महीनों से बन्द पड़ा है। मीटिंग होने वाली थी तो पहले से सफ़ाई कराना चाहिए था कि नहीं ?

भटनागर : चौहान, पहले से कुछ पता कहाँ था ? आज अचानक मीटिंग बुलायी गयी है, जल्दी कुछ करो।

चौकीदार : साब ! आज छुट्टी है, ऐसे में मैं क्या करूँ ?

भटनागर : कुछ भी। ये ऐसी-वैसी नहीं, बल्कि अर्जेंट मीटिंग है। रात में जब से मिनिस्टर साहब के पी० ए० का फ़ोन आया है, मेरी नींद हराम हो गयी है। सुबह से सारे मेम्बर्स को फ़ोन कर रहा हूँ। जो फ़ोन पर नहीं मिले, मीटिंग नोटिस देने उनके घर तक गया। सुबह से पोस्टमैन की तरह दौड़ रहा हूँ।

चौकीदार : साब, आप दौड़ रहे हैं, क्योंकि आपको डिप्टी डायरेक्टर से डायरेक्टर बनना है; मगर ए० बी० सी० यानी अमर बहादुर चौहान कल भी चौकीदार था, आज भी चौकीदार है और कल भी चौकीदार ही रहेगा, बल्कि एक दिन रिटायर भी बतौर चौकीदार होगा। मुझे मीटिंग-सीटिंग से क्या लेना-देना ? अच्छा मैं चलता हूँ, बीवी को पिक्चर दिखाने जाना है।

भटनागर : फिक्चर…? आज…?

चौकीदार : हाँ…, आज। तीन से छह, टायटेनिक का शो दिखाना है।

भटनागर : चौहान, यहाँ मेरा टायटेनिक डूबने जा रहा है और तुम्हें पिक्चर की पड़ी है। इतने हाई लेवेल की मीटिंग को छोड़कर तुम पिक्चर देखने कैसे जा सकते हो ?

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Hardbound

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Hindi

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2014

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