Vikalphin Nahin Hai Duniya

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Vikalphin Nahin Hai Duniya

Vikalphin Nahin Hai Duniya

299.00 250.00

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Author: Kishan Patnayak

Availability: Out of stock

Pages: 284

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9788126701919

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

विकल्पहीन नहीं है दुनिया

किशन पटनायक के राजनैतिक चिन्तन का पहला प्रतिनिधि संकलन है। इस पुस्तक के अधिकांश निबन्ध पिछले दो दशकों में लिखे गए हैं जब देश और दुनिया के बदलते चेहरे को समझने में स्थापित विचार की अक्षमता जाहिर हो गई है। स्थापित राजनैतिक विचारधाराएँ जड़ तथा अप्रासंगिक होती जा रही हैं और बुद्धिजीवी आज की दुनिया के सवालों से पलायन कर रहे हैं। बढ़ती विषमता और नैतिक पतन के सवालों को उठाने की इच्छा, सामर्थ्य और भाषा तक खत्म होती जा रही है। विचार के इस संकट के दौर में यह पुस्तक एक नया युगधर्म ढूँढ़ने की कोशिश करती है। इस नए युगधर्म को यहाँ कोई नाम नहीं दिया गया है। यह किंचित अनगढ़ देशीय चिन्तन गाँधी और समाजवादी विचार परम्परा के साथ–साथ जनान्दोलनों के अनुभव से प्रेरणा ग्रहण करता है, लेकिन किसी इष्ट देवता या वैचारिक बाइबिल का सहारा नहीं लेता है। समता और नैतिकता की कसौटियों का पुनरुद्धार करने के इस प्रयास की परिधि में एक ओर आधुनिक सभ्यता के संकट, विज्ञान और टेकनोलॉजी के चरित्र और नैतिकता के स्रोत जैसे अमूर्त सवाल शामिल हैं। दूसरी ओर यह चिन्ता अपने मूर्त रूप में सोमालिया के अकाल से कालाहांडी की भुखमरी तक फैली है, नाइजीरिया में सारो वीवा की हत्या और मणीबेली की डूब को एक सूत्र में पिरोती है, शूद्र राजनीति की सम्भावनाओं और धर्मनिरपेक्षता के भविष्य के रिश्ते की शिनाख्त करती है।

इस पुस्तक के ‘प्रवक्ता’ किशन पटनायक राजनीति में वैचारिक स्पष्टता, चारित्रिक शुद्धता और बुद्धि तथा मन के बीच मेल के लिए जाने जाते हैं। अकादमिक पांडित्य के बोझ और राजनैतिक वाकयुद्ध के गाली–गलौज से अलग हटकर यह पुस्तक वैचारिक बारीकी और राजनैतिक प्रतिबद्धता को गूँथने की एक नई शैली प्रदान करती है। राजनैतिक चिन्तन की बनी–बनाई विधाओं और उनके परिचित मुहावरों से ऊपर उठकर यह नई पीढ़ी के राजनीतिकर्मी और बुद्धिजीवी को अपनी दिशा खोजने में मदद करती है।

Additional information

Binding

Paperback

Language

Hindi

Publishing Year

2021

Pulisher

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