Vishwa Ki Gauravshali Nariyan
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Description
विश्व की गौरवशाली नारियाँ
प्रककथन
भारतीय संस्कृति एवं समाज में नारी को जितना अधिक गौरवपूर्ण स्थान दिया गया है, उतना विश्व की किसी भी अन्य संस्कृति एवं समाज में प्रदत्त नहीं किया गया। भारत में नारी को विलासिता की सामग्री नहीं, अपितु संस्कृति का उच्चतम आदर्श एवं देवी शक्ति का प्रतीक माना गया है। भारतीय संस्कृति में नारी त्याग, विश्वास तथा श्रद्धा की पात्र रही है। विश्व में भारतीय संस्कृति की महानता का मूल कारण नारीत्व का उच्च तथा महान् आदर्श ही रहा है।
आज अंतर्राष्ट्रीय जगत में भी महिलाओं के गुणों का मूल्यांकन करके उनके उत्थान तथा विकास के लिए नई-नई योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। आधुनिक युग में देश-विदेश की महिलाओं की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। वे हजारों वर्ष की दासता से मुक्त हुई हैं। उन्होंने पुरातन रीति-रिवाजों व अंधविश्वास के विरुद्ध विद्रोह कर दिया है। आज समाज से लगभग सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त कर लिया है। वे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका अदा कर अपने व्यक्तित्व तथा प्रतिभा का परिचय दे रही हैं। वे आज वकील, बैरिस्टर, न्यायाधीश, राजदूत, मजिस्ट्रेट, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, पायलट, राज्यपाल, मंत्री, मुख्यमंत्री, कुलपति, सर्जन, फिजीशियन, इंजीनियर, छाताधारी, सेनाधिकारी तथा प्रधानमंत्री जैसे गौरवशाली पदों को सुशोभित कर रही हैं।
‘विश्व की गौरवशाली नारियां’ नामक इस पुस्तक में मैंने कतिपय उन महानतम महिलाओं के जीवन पर प्रकाश डाला है जिन्होंने विश्व इतिहास में विस्मृत जीवन-मूल्यों की पुनः प्रतिष्ठा की; राजनीति, समाजनीति और रणनीति में जिन्होंने नए कीर्तिमान स्थापित किए और जिन्होंने कुशल नेतृत्व और अपने सुकृत्यों से जगत के नारी समाज का सिर ऊंचा किया है।
मुझे आशा व विश्वास है कि भावी पीढ़ी विशेषकर महिलाएं इसे पढ़कर प्रेरणा अवश्य ग्रहण करेंगी।
– डॉ. लालबहादुर सिंह चौहान
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2012 |
Pulisher |
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