जन्म-स्थान : भीमवरम, पश्चिम गोदावरी जिला (आंध्र राज्य)। 1921 में स्वदेशी आन्दोलन में आपने भाग लिया और सज़ा पाई। कुछ समय तक ‘त्रिवेणी’ के सह-संपादक और ‘जातीय कलाशाला’ के अध्यक्ष रहे। दैनिक ‘मीजान’ हैदराबाद के सम्पादक भी रहे। आप तेलुगू के प्रमुख उपन्यासकारों में से एक माने जाते हैं। आपकी इस कृति को आंध्र विश्वविद्यालय से पुरस्कार मिला है। आपकी अन्य कृतियों में ‘हिम बिन्दु’, ‘गोन गन्ना रेड्डी’ आदि उपन्यास और ‘अंजलि’ आदि कहानी-संग्रह प्रसिद्ध है। आपने कई गीत और रेडियो-नाटक भी लिखे हैं। आप चित्रकार भी थे।
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