आपने लखनऊ विश्वविद्यालय से एम. ए. किया है तथा 1980 में आप भारतीय रेल यातायात सेवा में अधिकारी हुए। वर्ष 2015 में सदस्य यातायात के पद से आप सेवानिवृत हुए तथा अब लखनऊ में रह रहे हैं।
आपकी रचनाएँ हैं :
हिंदी में
दूसरा अध्याय : साहित्य कला परिषद द्वारा पुरस्कृत (नाटक)
2 ताजमहल का टेंडर : मोहन राकेश सम्मान से पुरस्कृत (नाटक)
प्रश्नचिन्ह (काव्य संग्रह)
प्रतिबोध (काव्य)।
अंग्रेजी में :
Silent Raindrops
Philosophy of Bhagavada Gita
iii. 4 Lane Expressway to Stress Management and Happiness
E books – Yoga : Karma to Nirvana, Awakening, Muddle Management, My ‘Life’ as a Ghost, Smile
आकाशवाणी के लिए लिखे एकमात्र नाटक ‘हम होंगे कामयाब’ के लिए आप राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित।