दौलत सिंह शक्तावत से.नि. उपवन संरक्षक ने राजस्थान के वन विभाग के वन्यजीव प्रभाग में 37 वर्षों से अधिक अपनी सेवाएँ प्रदान कीं। एक समर्पित अफ़सर एवं वन्यजीवों के उत्कट प्रेमी के रूप में केलादेवी राष्ट्रीय उद्यान, सरिस्का बाघ परियोजना और रणथम्भौर बाघ परियोजना में काम करते हुए वन्यजीव आवास संरक्षण एवं प्रजाति परिवर्द्धन के क्षेत्र में उनका अमूल्य योगदान रहा है। इनसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष से उत्पन्न संकट की स्थितियों को कुशलतापूर्वक सँभालने में उन्हें महारत हासिल थी। सन् 2010 में एक बाघ को, जो रणथम्भौर बाघ परियोजना की सीमा से बाहर चला गया था, बेसुध करने के प्रयास में उन्हें इतनी गंभीर चोटें आईं कि लगभग उनका जीवन ही समाप्त हो जाता।
दौलत सिंह अनेक प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं। वह एक कुशल वन्यजीव फोटोग्राफर हैं और उनके द्वारा लिए गए अनेक चित्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं तथा जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। वन्यजीवों पर लिखी गई अनेक पुस्तकों में भी उनका सहयोग रहा है।
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