डॉ. अर्जुनदेव चारण (जन्म : 10 मई, 1954, मथाणिया) एम. ए., पी-एच. डी., राजस्थानी के प्रतिष्ठित कवि, नाटककार, निर्देशक और आलोचक हैं। आपकी प्रकाशित कृतियों में दो नाटक आज रा; बोल म्हारी मछली इत्तौ पाणी; धरमजुद्ध; विरासत; भुगती गाथा (नाटक); रिंधरोही (काव्य); राजस्थानी कहानी : परपरा और विकास; बयत री बारखड़ी, दवलों की रम्मत और सत्यप्रकाश जोशी (आलोचना) शामिल हैं। साहित्य अकादेमी पुरस्कार के अलावा आपको सूर्यमल्ल मीसण-शिखर सम्मान तथा राजस्थान संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं आप जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के राजस्थानी विभाग में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। संप्रति आप राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली के अध्यक्ष हैं।
प्रस्तुत कृति के अनुवादक डॉ. ब्रजरतन जोशी (जन्म : 9 मई 1973, बीकानेर) एम. ए., पी-एच. डी. हिंदी और राजस्थानी के युवा नाट्य समीक्षक, कवि और अनुवादक हैं। हिंदी के व्याख्याता पद पर कार्यरत डॉ. जोशी की एकमात्र प्रकाशित पुस्तक जल और समाज है।
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