Asharani Vohra
आशारानी व्होरा
7 अप्रैल, 1921 को जन्मी आशारानी व्होरा ने एम.ए. (समाजशास्त्र), हिंदी प्रभाकर एवं कला-शिल्प प्रशिक्षण भी लिया।
1946 से 1964 तक शिक्षा तथा समाजसेवा के विविध क्षेत्रों में कार्य करने के बाद, पूरी तरह लेखन को समर्पित। इस बीच कुछ समय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत पुर्नवास व समाज कल्याण निदेशालय द्वारा संचालित महिला प्रशिक्षण केंद्र (आई.टी.आई.) की आर्गेनाइजर तथा दो वर्ष तक ‘सरिता’, ‘मुक्ता’ के संपादकीय विभाग में रहीं।
पिछले छह दशकों से श्रीमती व्होरा की रचनाएं और धारावाहिक लेख मालाएं हिंदी की लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं (धर्मयुग, दिनमान, साप्ताहिक हिंदुस्तान, कादंबिनी, नवनीत, नवभात टाइम्स, दैनिक हिंदुस्तान, पंजाब केसरी आदि) में निरंतर घूमती रही हैं। इनकी संख्या चार हजार से ऊपर है। पुस्तकों की संख्या भी सौ का आंकड़ा पार कर चुकी है।
महिला-समस्याओं और महिला उपलब्धियों पर विशेष अध्ययन और एक मिशन के रूप में कार्य।
प्रस्तुत पुस्तक में संसार के अनेक देशों की उन विशिष्ट महिलाओं के प्रेरक जीवनवृत्त दिए गए हैं, उन्होंने अपने विशेष कार्यों से प्रसिद्धि के शिखर को छुआ और स्त्री-जाति ही नहीं, समूची मानवता का नाम ऊंचा किया।
संपर्क : 114, कैलाश हिल्स, ईस्ट ऑफ कैलाश, नई दिल्ली-65