Chandradhar Sharma Guleri

Chandradhar Sharma Guleri

चन्द्रधर शर्मा गुलेरी

जन्म : 7 जुलाई, 1883।

निधन : 12 सितम्बर 1922।

शिक्षा : एफ.ए., बी.ए.।

गुलेरीजी का जन्म 7 जुलाई 1883 को जयपुर में हुआ था। आपने बचपन में ही संस्कृत भाषा, वेद, पुराण आदि का अध्ययन किया। आगे चलकर उन्होंने अंग्रेजी शिक्षा भी प्राप्त की और प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होते रहे। कलकत्ता विश्वविद्यालय से एफ.ए. और प्रयाग विश्वविद्यालय से बी.ए. किया। सन् 1900 में गोपालराम गहमरी ने उन्हें ‘समालोचक’ नामक पत्र का कार्यभार सौंपा। चौबीस पृष्ठों की इस छोटी-सी पत्रिका के अन्तर्गत साहित्यिक जगत में व्याप्त अराजकता पर छपी गुलेरीजी की टिप्पणियाँ खासी चर्चा का विषय बनीं।

साहित्य के आम पाठकों में गुलेरीजी कहानीकार के रूप में ही अधिक विख्यात हैं, लेकिन निबन्ध, कविता, भाषा विज्ञान, इतिहास, पुरातत्त्व आदि क्षेत्रों में प्रस्फुटित उनका साहित्यिक वैशिष्ट्य भी कम उल्लेखनीय नहीं है।

कृतियाँ :

कहानी-संग्रह : सुखमय जीवन, बुद्ध का काँटा, उसने कहा था।

निबन्ध : कछुआ धर्म, मारेसि मोहिं कुठाऊँ, होली की ठिठोली का एप्रिल फूल।

कविता : एशिया की विजयादशमी, अहिताग्निका, झुकी कमान, स्वागत, रवि, और कुसुमांजलि।

भाषा-विज्ञान : पुरानी हिन्दी।

आलोचना : पुरानी हिंदी और शेष रचनाएँ

इतिहास : देवकुल, पुरानी पगड़ी, पृथ्वीराज विजय महाकाव्य, जयसिंह प्रकाश।

विशेष : निबन्धों की दुनिया : पं. चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’, श्रीचन्द्रधर शर्मा गुलेरी रचनावली (दो खंड)।

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