फ्रांज काफ्का (3 जुलाई 1883-3 जून 1924 ) बीसवीं सदी के सर्वश्रेष्ठ कथा- लेखकों में शुमार किये जाते हैं। काफ्का अपने लेखन में आधुनिक मनुष्य की नियति और यथार्थ तथा फैण्टेसी के फ्यूजन के लिए जाने जाते हैं। साहित्य में आधुनिक भावबोध का प्रवर्तन करने वाले लेखकों में उनकी गिनती होती है। काफ्का का अनूठापन इस बात में है कि उनकी रचनाएँ अकेलेपन और अलगाव के कारक के तौर पर समाज और नौकरशाही समेत पूरी व्यवस्था में शक्ति के केन्द्रीकरण की शिनाख्त करती हैं।
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