तत्कालीन पूर्वी बंगाल के एक भूतपूर्व जमींदार परिवार में सन् 1943 में जनमे जी. बसु ने सीमाओं से परे व्यापक अध्ययन किया, जिसके लिए उनके पास साधन भी उपलब्ध थे और इस ओर उनका रुझान भी था। उनकी रुचि का विस्तार ललितकलाओं और सामाजिक विज्ञान से लेकर प्रौद्योगिकी व मेडिसिन जैसे विषयों तक है। खेलों में भी उनकी बहुत रुचि है।
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