Keshavchandra Verma

Keshavchandra Verma

केशवचन्द्र वर्मा

जन्म : 1925; ज़िला—सुल्तानपुर।

शिक्षा : इलाहाबाद विश्वविद्यालय, एम.ए. अर्थशास्त्र।

साहित्य-सेवा : केशवचन्द्र वर्मा ने वर्षों के अपने सशक्त लेखन में कितने अछूते विषयों और भिन्न विधाओं में आधुनिक बोध और समकालीन परिवेश को समेटा है—यह देखकर आश्चर्य होता है। हिन्दी में हास्य व्यंग्य की विधा को साहित्यिक प्रतिष्ठा दिलाने में अग्रणी केशव जी के व्यंग्य उपन्यास, निबन्ध, कथा-कहानी, कविता-संकलन जितना चर्चित हुए—उतना ही उनकी नाट्य कृतियाँ, संस्कृति की नई पहचान कराती रचनाएँ—‘उज्ज्वल नील रस’ और ‘समर्थारति’ जैसी गम्भीर काव्य कृतियाँ तथा संगीत के सौन्दर्य पक्ष को श्रोताओं और पाठकों के लिए सुलभ कराती पुस्तकें हिन्दी साहित्य की अक्षयनिधि बन चुकी हैं। उन्होंने ‘छायानट’ जैसी ललित कलाओं की पत्रिका का दस वर्षों तक उ.प्र. संगीत नाटक एकेडेमी के लिए संचालन और सम्पादन भी किया।

सम्मान : साहित्यिक उपलब्धियों के लिए अनेक सम्मान से सम्मानित किए गए।

निधन : 25 नवम्बर, 2007

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