उपन्यासकार एम. मुकुंदन मलयालम साहित्य के ख्यातिप्राप्त रचनाकारों में से हैं। सरल भाषा शैली और प्रवाहमय कथानकों का सृजन इनके रचनाधर्म का मूल धर्म है। इनके महत्वपूर्ण उपन्यास हैं-आविलाई का सूर्योदय, दिल्ली, यह संसार और उसमें एक आदमी, हरिद्वार की घंटियाँ बजती हैं, रात और दिन, ईश्वर की करतूतें आदि। इसके अतिरिक्त कई कहानी संग्रह भी हैं।
अनुवादक प्रो. सुधांशु चतुर्वेदी ने अब तक डेढ़ सौ से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है। 12 वर्ष की उम्र में उनका पहला उपन्यास ‘कल्पना’ प्रकाशित हुआ था। अब तक तीन दर्जन राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
संप्रति वे वेदव्यास प्राच्य विद्या-प्रतिष्ठान के प्रबंध व्यासी एवं अध्यक्ष हैं साथ ही ‘नेशनल लिटरेसी एकेडमी’ के निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
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