Manzoor Ehtesham

Manzoor Ehtesham

मंज़ूर एहतेशाम

जन्म : 3 अप्रैल, 1948 को भोपाल में।

शिक्षा : स्नातक।

इंजीनियरिंग की अधूरी शिक्षा के बाद दवाएँ बेचीं। पिछले 25 वर्ष से फर्नीचर और इंटीरियर डेकोर का अपना व्यवसाय।

प्रकाशित कृतियाँ : पहली कहानी रमज़ान में मौत 1973 में और पहला उपन्यास कुछ दिन और 1976 में प्रकाशित। उपन्यास—सूखा बरगद, दास्तान-ए-लापता, पहर ढलते, बशारत मंजि़ल; कहानी-संग्रह—तसबीह, तमाशा तथा अन्य कहानियाँ; नाटक—एक था बादशाह (सह-लेखक सत्येन कुमार)।

सम्मान : सूखा बरगद (उपन्यास) पर ‘श्रीकान्त वर्मा स्मृति सम्मान’ और भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ता का पुरस्कार; दास्तान-ए-लापता पर ‘वीरसिंह देव पुरस्कार’ 2018 में इसका अनुवाद नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी प्रेस से छपा, जिसे ‘न्यूयॉर्क मैगज़ीन’ द्वारा अंग्रेजी में उपलब्ध अब तक का सर्वश्रेष्ठ उपन्यास कहा गया। तसबीह (कथा-संग्रह) पर ‘वागीश्वरी पुरस्कार’ तथा 1995 में समग्र लेखन पर ‘पहल सम्मान’। 2003 में राष्ट्रीय सम्मान ‘पद्मश्री’ से अलंकृत। निराला सृजनपीठ (भोपाल) के अध्यक्ष भी रहे।

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