Madarsa

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Madarsa

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550.00 470.00

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Author: Manzoor Ehtesham

Availability: 5 in stock

Pages: 295

Year: 2011

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126719815

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

मदरसा

‘दास्तान-ए-लापता’ और ‘सूखा बरगद’ जैसे चर्चित उपन्यासों के लेखक मंज़ूर एहतेशाम की यह नई औपन्यासिक कृति समकालीन हिन्दी उपन्यास के लय-ताल रहित परिदृश्य में एक सुखद हस्तक्षेप है। यह उपन्यास पुनः स्थापित करता है कि सिर्फ कहानी बता देना और प्रचलित विमर्शों की जुमलेबाजी का बघार डालते हुए ‘पोलिटिकली करेक्ट’ मोर्चे पर सीना तान कर खड़े हो जाना ही अच्छे उपन्यास की गारंटी नहीं है। हर उपन्यास को अपनी भाषा और संरचना में अपनी ही एक लय का आविष्कार करना पड़ता है, और यही वह चीज है जो उसे दशकों और सदियों तक पढ़नेवाले के दिलो-दिमाग़ का हिस्सा बनाती है।

यह उपन्यास सफलतापूर्वक इस जिम्मेदारी को अंजाम देता है। देश और काल के विभिन्न चरणों में आवाजाही करता हुआ यह उपन्यास स्मृतियों की पगडंडियों पर जैसे चहलकदमी करते हुए, अपने पात्रों के भीतरी और बाहरी बदलावों की प्रक्रिया से गुजरता है; उन सवालों से रूबरू होता है जो समय हमारे भीतर रोपता रहता है और उन यंत्रणाओं से भी जिनकी जिम्मेदारी तय करना कभी आसान नहीं होता। किसी भी उम्दा रचना को लेकर यह कहना कभी संभव नहीं होता कि इसका उद्देश्य अमुक है, अथवा इससे हमें अमुक संदेश प्राप्त होता है। वह हमारे ही जीवन का एक ज्यादा उजले प्रकाश में बुना गया चित्र होता है जिससे हम जाने कितनी दिशाओं से रोशनी पाते हैं, और एक ज्यादा खुली और रौशन जगह में अपना नया ठिकाना बनाते हैं। ठिकानों और वक़्तों की उधेड़-बुन में रोशनी की किरचें पकड़ता हुआ यह उपन्यास पाठकों को निश्चय ही अनुभूति का एक नया धरातल देगा।

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Authors

Binding

Hardbound

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Pages

Publishing Year

2011

Pulisher

Language

Hindi

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