डॉ. राजेश्व उनियाल ने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर तथा हिंदी व अंग्रेजी में स्नातकोत्तर करने के साथ ही मुंबई विश्वविद्यालय से पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। एक कुशल वक्ता होने के साथ ही लेखक लोक साहित्य व राजभाषा विषय के अधिकारी विद्वान एवं विशेषज्ञ भी हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन तथा निजी चैनलों से अकसर आपके गीत, कविताएँ, वार्ताएँ व अन्य कार्यक्रम प्रसारित होते रहते हैं। आपकी अब तक शैल सागर, उत्तरांचल की कविताएँ (संपा.),पंदेरा व भाड़े का रिक्शा उपन्यास, उत्तरांचल की कविताएँ (संपा.), उत्तरांचली लोक-साहित्य व हिंदी लोक साहित्य का प्रबंधन आदि अनेक पुस्तकें प्रकाशित हैं। अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में आपके वैज्ञानिक/राजभाषा/साहित्यिक आदि विषयों पर ढाई हजार से अधिक लेख आलेख आदि प्रकाशित हैं। आपने हिंदी एवं उत्तराखंडी के कई एलबमों व फिल्मों के गीत मौत व कहानियाँ भी लिखी हैं। आपके भारत के माननीय राष्ट्रपति से साहित्य लेखन हेतु सम्मान सहित महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का अवार्ड, देवभूमि साहित्य रत्न तथा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पुरस्कार आदि अनेक पुरस्कार सम्मान प्राप्त है। संप्रति, आप मुंबई में भारत सरकार के अधीन उपनिदेशक (राजभाषा) के पद पर कार्यरत हैं।
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