रोमिला थापर का जन्म 1931 में एक सुप्रसिद्ध पंजाबी परिवार में हुआ और बचपन में उन्हें भारत के विभिन्न प्रांतों में रहने का अवसर मिला क्योंकि उनके पिता उन दिनों सेना में थे। उन्होंने अपनी पहली डिग्री पंजाब विश्वविद्यालय से ली और डॉक्टरेट 1958 में लंदन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओरियंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़ में दक्षिण एशिया के प्राचीन इतिहास का प्राध्यापन किया। बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग में रीडर के पद पर कार्य किया और 1968 में एक वर्ष उन्होंने लेडी मार्ग्रेट हॉल, ऑक्सफोर्ड में व्यतीत किया। वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहीं।
डॉ. थापर ने यूरोप और एशिया का व्यापक भ्रमण किया है। 1957 में वे चीन के बौद्ध गुफास्थलों का अध्ययन करने गईं और गोबी मरुभूमि में तुन-हुआँग तक यात्रा की। उनकी अन्य कृतियों में ‘अशोक एंड दॅ डिक्लाइन ऑफ दॅ मौर्याज़’ उल्लेखनीय है।
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