रोशन अल्काजी ने गत 30 वर्षों में विभिन्न समकालीन कला दीर्घाओं का प्रबंधन किया है तथा संप्रति अपनी स्वयं की कला दीर्घा आर्ट हेरिटिज, नयी दिल्ली की निदेशक हैं। वह मुंबई और दिल्ली दोनों में थियेटर ग्रुप, थियेटर यूनिट, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की 40 वर्ष से भी अधिक वेशभूषा डिजाइनर रही हैं तथा वर्तमान में वेशभूषा डिजाइनर के रूप में लीविंग थियेटर से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने अनेक वर्षों तक नयी दिल्ली पोलिटेक्निक में वेशभूषा का इतिहास पढ़ाया है। वह कविता भी लिखती हैं। राइटर्स वर्कशाप, कोलकाता ने उनकी कविताओं के दो संकलन ‘सेवनटीन पोयम्स’ तथा ‘सेवनटीन मोर पोइम्स’ प्रकाशित किए हैं। उनकी पुस्तक ‘मेडिईवल कास्ट्यूम्स इन इंडिया’ का खंड 1 और 2 शीघ्र प्रकाश्य हैं।
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