सन् 1965 में जन्मे डॉ. संजय गर्ग नेशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया में सन् 1988 में नियुक्त हुए। वह वहां उपनिदेशक के पद पर कार्यरत रहे।
अभिलेख विशेषज्ञ और रिकॉर्ड्स मैनेजर के अतिरिक्त वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुद्राशास्त्री भी हैं। वह मुगलकाल के सिक्कों के चर्चित जानकार तो हैं ही, 18 से 20वीं शताब्दी के मध्य की भारतीय मौद्रिक व्यवस्था के विद्वान भी हैं।
मुगलकाल और उसके समकालीन सिक्कों पर उनका कैटलॉग कैंब्रिज विश्वविद्यालय (यू.के.) के फिट्जविलियम संग्रहालय में शीघ्र प्रकाश्य। डॉ. गर्ग कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकों के लेखक तो है ही, वह विविध अकादमिक पत्रिकाओं के नियमित लेखक भी हैं। वह प्रतिष्ठित ‘न्यूमैस्टिक डाइजेस्ट’ के संपादक भी हैं।
सन् 2010 में डॉ. गर्ग को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से प्रतिष्ठित रौबिंसन विजिटिंग फैलोशिप भी प्रदान की गई। अभिलेख और पुरातत्व विज्ञान के मर्मज्ञ होने के साथ-साथ डॉ. गर्ग ऐतिहासिक स्थापत्य और उर्दू शायरी और हिन्दी साहित्य के विद्वान भी हैं।
संप्रति : कोलंबो के सार्क कल्वरल सेंटर में रिसर्च विंग के प्रमुख।
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