लेखक सुधांशु कुमार जैन बोटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक रह चुके हैं। अनेक वर्षों से वे भारत की वनस्पति पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने अनेक आदिम जाति क्षेत्रों में औषधि और खाद्य आदि में प्रयुक्त पौधों का अध्ययन किया है। उन्होंने लगभग दस पुस्तकें और दो सौ शोध पत्र लिखे हैं, जिनमें औषधीय जड़ी-बूटियां, सर्वेक्षण, वनस्पति नामकरण, पौधों का संरक्षण तथा लुप्तप्रायः पौधे शामिल हैं। इनकी एक पुस्तक ‘औषधीय पौधे’ का प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा किया जा चुका है।
सह लेखक रामलखन सिंह सिकरवार एक वनस्पतिज्ञ हैं। इन्होंने कई वर्षों तक शोध-सहायक के रूप में लेखन के साथ कार्य किया है। हिन्दी में लगभग दस वर्षों से लेखन कार्य कर रहे हैं। उनके कई शोध पत्र तथा गैर-तकनीकी की भाषा में हिन्दी, अंग्रेजी में कई पुस्तकें व लेख प्रकाशित हैं। सम्प्रति : चित्रकूट के दीनदयाल उपाध्याय संस्थान में कार्यरत।