मूलतः उत्तराखंड में पिथौरागढ़ ज़िले के गंगोलीहाट नाम के छोटे-से कस्बे में पले-बढ़े हैं। फ़िलवक्त दिल्ली में रहते हैं। इन्होंने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के एमसीआरसी से मास कम्यूनिकेशन में मास्टर्स किया है। यात्रा-वृत्तान्त ‘इनरलाइन पास’ के लेखक हैं।
करियर की शुरुआत मुम्बई जाकर बालाजी टेलीफ़िल्म्स में बतौर एसोशिएट राइटर की। फिर मुम्बई में गीतकार और पटकथा लेखक नीलेश मिसरा से जुड़कर उनके मशहूर किस्सागोई के कार्यक्रम के लिए कहानियाँ लिखीं। ग्रामीण अखबार ‘गाँव कनेक्शन’ में पत्रकार भी रहे हैं। गूगल के लिए बतौर ऑनसाइट हिन्दी लिंग्विस्ट काम कर चुके हैं। रेडियो के लिए फ़िल्म और गाने भी लिख चुके हैं। हिन्दी के तमाम अखबारों में यात्राओं और समसामयिक विषयों से जुड़े लेख लिखते रहे हैं। ‘यात्राकार’ नाम से ब्लॉग भी चलाते हैं। शौकिया घुमक्कड़ हैं और यात्राओं को तस्वीरों में सहेजने की रुचि रखते हैं।
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