संकलनकर्ता- डॉ. व्यास मणि त्रिपाठी पोर्ट ब्लेयर के एक महाविद्यालय में हिंदी के प्राध्यापक हैं। उनकी कुछ प्रमुख पुस्तकें हैं – अंडमान तथा निकोबार के आदिवासी और उनकी बोली, रामचंद्रिका में नाट्य तत्व, कबीर से निराला तक : एक मूल्यांकन, एक आस्था ऐसी भी, सुजन और समीक्षा आदि। वे विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लिखते हैं। दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन, उ.प्र. हिंदी संस्थान, जैमिनी अकादेमी, पानीपत, किताबघर प्रकाशन सहित कई संस्थाओं द्वारा सम्मानों से अलंकृत।
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