Yogendra Pratap Singh
योगेन्द्र प्रताप सिंह
पूर्व प्रोफेसर तथा अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय।
पूर्व निदेशक, पत्राचार संस्थान, इलाहाबाद विश्वविद्यालय।
पूर्व अध्यक्ष, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद।
अध्यक्ष, भारतीय हिन्दी परिषद्, हिन्दी विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय।
आलोचनात्मक साहित्य—हिन्दी वैष्णव भक्तिकाव्य में निहित काव्यादर्श एवं काव्यशास्त्रीय सिद्धान्त, भारतीय काव्यशास्त्र, भारतीय काव्यशास्त्र की रूपरेखा, भारतीय काव्यशास्त्र और पाश्चात्य काव्यशास्त्र का तुलनात्मक अध्ययन, भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र तथा हिन्दी आलोचना, काव्यांग परिचय, रामचरित मानस के रचनाशिल्प का विश्लेषण, तुलसी के रचना सामथ्र्य का विवेचन, तुलसी : रचना सन्दर्भ का वैविध्य, गोस्वामी तुलसीदास की जीवनगाथा, कबीर की कविता, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, निबन्ध संरचना और काव्य चिंतन, कबीर सूर तुलसी, इतिहास दर्शन एवं हिन्दी साहित्य की समस्याएँ, भारतीय काव्यशास्त्र की भूमिका, सर्जन और रसास्वादन : भारतीय पक्ष, हिन्दी आलोचना : सिद्धान्त और इतिहास, जन-जन के कवि तुलसीदास, हिन्दी साहित्य के इतिहास की समस्याएँ, काव्यभाषा भारतीय पक्ष, हिन्दी काव्यशास्त्र के मूलाधार।
रचनात्मक साहित्य : गीति अर्धशती (गीतिकाव्य), बीती शती के नाम, उर्वशी (गाथा गीति), गाधि पुत्र, सागर गाथा (नाट्य काव्य), टूटते गाँव बनते रिश्ते (उपन्यास), देवकी का आठवाँ बेटा (उपन्यास), पहला कदम (उपन्यास), अंधी गली की रोशनी (उपन्यास)।
सम्पादन : श्रीरामचरितमानस (सम्पूर्ण), बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड, उत्तरकाण्ड, विनयपत्रिका, कवितावली (समग्र सम्पादन-टीका तथा भूमिका सहित), जोरावर प्रकाश, कृष्ण चन्द्रिका, करुणाभरण नाटक (प्राचीन हस्तलिखित प्रतियों के आधार पर), घट रामायण तुलसी साहब हाथरस वाले, प्रयाग की रामलीला, भारतीय भाषाओं में रामकथा, Ramkatha in Indian Languages, रामसाहित्य कोश दो खण्डों में।
संयुक्त लेखन : हिन्दी साहित्य, भाग-३, हिन्दी साहित्य कोश भाग-१ तथा २, काव्यभाषा : भारतीय पक्ष, काव्य भाषा : अलंकार रचना तथा अन्य समस्याएँ।
यथा समय पत्रिकाओं का सम्पादन—अनुसंधान, विकल्प, हिन्दी अनुशीलन तथा हिन्दुस्तानी।