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1000 Swami Vivekananda Prashnottari
₹350.00 ₹300.00
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Author: Virendra Yagyik
Pages: 216
Year: 2018
Binding: Hardbound
ISBN: 9788177211689
Language: Hindi
Publisher: Prabhat Prakashan
1000 स्वामी विवेकानन्द प्रश्नोत्तरी
स्वामी विवेकानंद : एक ऐसा नाम, जो अपने जन्म के 150 वर्ष बाद भी लोगों को स्फूर्ति से भर देता है और देश, धर्म एवं संस्कृति के लिए अपना बलिदान करने की प्रेरणा देता है। ऐसे योद्धा संन्यासी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को माँ भुवनेश्वरी देवी की कोख से हुआ था।
अवसान के समय स्वामीजी की आयु मात्र 39 वर्ष 5 महीने और 24 दिन थी। हिंदू धर्म के पुनर्जागरण के पुरोधा के रूप में भारत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व इतिहास में वे हमेशा याद किए जाएँगे। अपनी 39 वर्ष की छोटी सी आयु में संपूर्ण विश्व को उन्होंने वेदांत को वह वैश्विक स्वरूप प्रदान किया, जिसकी आज के युग में सबसे अधिक आवश्यकता है। ऐसे युगपुरुष के जीवन और अद्भुत कार्यों को प्रश्नोत्तर रूप में प्रस्तुत किया गया है। विशाल कलेवर को 1000 प्रश्नों में समेटना भी दुष्कर कार्य है, अतः महत्त्वपूर्ण प्रसंगों को ही पुस्तक का विषय बनाया गया है।
भारतीय अस्मिता, गौरव, शक्ति, सामर्थ्य, मेधा और ज्ञान के प्रतीक स्वामी विवेकानंद के सार्थक जीवन का ज्ञान कोश है यह पुस्तक।
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Binding | Hardbound |
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Language | Hindi |
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Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
वीरेन्द्र याज्ञिक
वर्ष 1949 में प्रयाग (उ.प्र.) में जनमे श्री याज्ञिक मूल रूप से विसनगर, गुजरात के हैं। किशोरावस्था में ही दिल्ली आकर संघ लोक सेवा आयोग में नौकरी करते हुए स्नातकोत्तर तक का अध्ययन पूरा किया। बाद में कनिष्ठ अनुसंधान अधिकारी के पद से त्यागपत्र देकर ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में कार्य करते हुए मुंबई आ गए। वर्ष 2009 में सहायक प्रादेशिक प्रबंधक पद से निवृत्त होकर अब अध्ययन, लेखन तथा सेवा को समर्पित हैं।
वर्ष 1995 से 1998 तक रेल मंत्रालय राजभाषा सलाहकार समिति, 1998 से 2000 तक तेल तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय की राजभाषा सलाहकार समिति के सदस्य।
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