Aadhunik Hindi Upanyaas : Vol. 2

-25%

Aadhunik Hindi Upanyaas : Vol. 2

Aadhunik Hindi Upanyaas : Vol. 2

995.00 745.00

In stock

995.00 745.00

Author: Namvar Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 432

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126718658

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

आधुनिक हिन्दी उपन्यास : भाग-2
आठवें दशक की समाप्ति के साथ हिन्दी उपन्यास को लेकर जिस नई गहमागहमी का दौर शुरू हुआ था, वह आज परिपक्वता प्राप्त कर चुका है। ‘नौकर की कमीज’ से लेकर ‘आखिरी कलाम’ तक विस्तृत हिन्दी उपन्यास का लगभग तीन दशकों का यह सफर भारतीय समाज के साथ उपन्यास के जनतान्त्रिकरण का भी दौर रहा है। मध्यवर्गीय उभार, साम्प्रदायिकता, उपभोक्तावादी संस्कृति व हाशिए के लोगों की दास्तान समेटे हिन्दी उपन्यास ने जहाँ अपने सरोकारों का विस्तार किया है, वहीं कथ्य व रूप की एकरसता को भी तोड़ा है।

कहा जा सकता है कि इस दौर में उपन्यास महज साहित्यिक संरचना न रहकर एक सामाजिक संरचना के रूप में भी अधिक पुष्ट और समृद्ध हुआ है। लेकिन यही वह दौर भी है जब हिन्दी उपन्यासों में दो दृष्टियों का टकराव भी सामने आया। एक दृष्टि भारतीय समाज के संश्लिष्ट यथार्थ से मुठभेड़ करती हुई बदलते सामाजिक परिदृश्य की साक्षी थी तो दूसरी ‘विश्व नागरिकता’ की ललक में भाषायी खिलन्दड़ेपन का नट-सन्तुलन करते हुए ऐसी कलात्मक चकाचौंध को जन्म देती हुई जो यथार्थ को दृश्य-ओझल कर देती थी।

विश्वकथा साहित्य की तर्ज पर नारी-चेतना के सशक्त तेवरों की अनुगूँज भी इधर के हिन्दी उपन्यासों में अत्यन्त प्रभावी ढंग से प्रकट हुई। नारी-देह का जुलूस निकालती पुरुषवादी रतिक दृष्टि के समानान्तर स्त्री लेखिकाओं का नारी-विमर्श नारी जीवन की गोपन सच्चाइयों व उन हादसों को बेपर्दा करता है, जो अपनी समस्त विकृति, कुत्सा व अविश्वसनीयता के बावजूद भारतीय समाज का नग्न व क्रूर यथार्थ है। ‘आधुनिक हिन्दी उपन्यास’ के इस दूसरे खंड के सम्पादक डॉ नामवर सिंह हैं और इसमें अस्सी के दशक से 2003 तक के तीस उपन्यासों पर चर्चा शामिल है – प्रत्येक उपन्यास पर उसके लेखक के संस्मरणात्मक आलेख और किसी समीक्षक द्वारा की गई एक सारगर्भित समीक्षा के साथ।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

Language

Hindi

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Aadhunik Hindi Upanyaas : Vol. 2”

You've just added this product to the cart: