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Description
औरत की दुनिया
नासिरा शर्मा भले ही इस बात से इंकार करे कि वह नारीवादी नहीं हैं और न उन्हें स्त्री विमर्श के खाते में रहना पसन्द है। इसके बावजूद उनकी पहली पुस्तक ‘औरत के लिए औरत’ दूसरी पुस्तक ‘औरत की आवाज़’ और अब तीसरी पुस्तक ‘औरत की दुनिया’ उनके गहरे जुड़ाव का प्रमाण है। जिसमें एक ओर औरत की नज़र से दुनिया का अवलोकन है तो दूसरी तरफ एक लेखिका के रूप में औरत के चारों तरफ बिखरी दुनिया की गहरी पड़ताल है। चाहे वह देश की समस्या हो या फिर विदेश की। उनकी आँखों की क़लम से बच निकलना मुश्किल है।
नासिरा शर्मा मुख्यधारा की लेखिका हैं। उन्हें साहित्य में किसी भी तरह की खानाबन्दी मंज़ूर नहीं है तो भी वह उन पिछड़े शोषित गरीब वर्ग के साथ हैं जिसमें औरत भी शामिल हैं। उनका जुड़ाव दुनिया की हर उस वस्तु से है जिसके प्रति अन्याय हो रहा हो चाहे वह इन्सान हो या जानवर फल-फूल हो या नदी-नाले। राजनीति का कसाव हो या आर्थिक दबाव, या फिर धार्मिक अज्ञानता। वे इन सबके लिए सजग हैं और पूरी जागरूकता के साथ अपनी बात पाठकों के सामने रखती हैं।
अनुक्रम
★ समय सन्दर्भ-पर्यावरण
★ समय सन्दर्भ-परिवेश
★ रिलेशनशिप-सम्बन्ध
★ समाज-जिन्दगी
★ औरतनामा-आईना
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2015 |
Pulisher |
Reviews
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