Baal Bhagwan

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Baal Bhagwan

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Author: Swadesh Deepak

Availability: 5 in stock

Pages: 172

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9789357753531

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

बाल भगवान

बाल भगवान की ज्यों-ज्यों प्रसिद्धि फैल रही है, त्यों-त्यों पेट भी फैलना-फूलना शुरू हो गया है। एक ही शब्द में बात करते हैं। कई बार ठीक, कई बार गलत। जिन लोगों को बताया जवाब ग़लत निकलता है, वह अपने कर्मों को दोष देकर चुप हो जाते हैं। जिनका जवाब सही निकलता है, वह पुण्य कमाने के लिए और लोगों को भगवान की शरण में भेजते हैं। फिर इधर की उर्दू की अख़बारें चटखारे लेकर ऐसी ख़बरें छापती हैं। और बुजुर्ग लोग, दुकानदार तबका अब भी उर्दू के अख़बारें पढ़ता है। चटपटी ख़बर और चटखारे लेने वाली जुबान। और फिर प्रत्येक छोटी-छोटी दुकान रेडियो स्टेशन होती है जहाँ समय विशेष पर नहीं, सारा समय समाचार दर्शन चलता रहता है। हर इतवार लाले की दुकान के आगे कारों, साइकिलों और स्कूटरों की भीड़ लग जाती है। उसके पास अब तीन छोकरे हैं। चाय-पानी पिलाते-पिलाते हाँफ जाते हैं।

अब बाल भगवान को हफ्ते में सिर्फ तीन दिन खाने को दिया जाता है। वीरवार खाना बन्द और सोमवार शुरू। दिमाग तालाबन्द है तो क्या हुआ ? बाकी इन्द्रियाँ तो काम करती हैं। उन्हें अब बुधवार को सारा दिन ठूस-ठूंसकर खिलाया जाता है तो पता लग जाता है कि अब कुछ दिन रोटी नहीं मिलेगी। पेट बढ़ने के साथ-साथ भूख के दानव का कद भी बढ़ गया है। झपटते हाथों से रोटियाँ अन्दर डालता जाता है, निगलता जाता है। तीन दिन भूखा रहने की वजह से रविवार को उनके चेहरे पर एक सूखी शान्ति और पीली चमक होती है; अगले दिन रोटी मिलने की चमक। आँखें फूल गयी हैं जैसे पुतलियाँ चटककर बाहिर आ जायेंगी। लोग उनकी आँखों की ताव नहीं ला सकते। तरह-तरह के सवाल पूछे जाते हैं। दिमाग़ का ताला हिलता है जो जवाब निकलता है, नहीं तो ख़ाली आँखों से पूछने वालों को देखते रहते हैं। जिसे जवाब नहीं मिलता, बाकी लोग उसे बाहिर जाने के लिए कहते हैं। भाई औरों ने भी दुःख निवारण कराने हैं। अब तुम्हारा काम नहीं होगा तो भगवान कहाँ से जवाब दें ? झूठ बोलने से तो रहे। सबके सामने अब भी बाल भगवान के लिए पैसे स्वीकार नहीं किये जाते, लेकिन माँ साथ के कमरे में बैठती है। जो कोई उठता है पण्डित जी इशारे से साथ वाले कमरे में जाने के लिए कहते हैं।

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Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

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