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Bharat Mein Devi – Anant Naritv Ke Paanch Swarup
₹295.00 ₹220.00
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Author: Devdutt Pattanaik
Pages: 240
Year: 2016
Binding: Paperback
ISBN: 9789350643389
Language: Hindi
Publisher: Rajpal and Sons
भारत में देवी अनन्त नारीत्व के पाँच स्वरूप
भारत के हर प्रान्त, हर कस्बे और यहाँ तक कि हर गाँव में अलग-अलग देवी पूजी जाती हैं और प्रत्येक का अपना अलग रूप, स्वरूप और विशेषता है। प्राचीन हिन्दू पौराणिक कहानियों और किंवदंतियों के शोध पर आधारित इस पुस्तक में लेखक देवदत्त पट्टनायक खोजबीन कर रहे हैं कि पिछले चार हज़ार वर्षों में देवी की अवधारणा कैसे बदली है। उन्होंने पाया कि जितनी भी देवियाँ हैं, उन सभी की उत्पत्ति पाँच मुख्य स्वरूपों से हुई है।
पहला स्वरूप है जिसमें देवी को प्रकृति के रूप में माना गया है। देवी का दूसरा स्वरूप है जननी के रूप में है, जिसमें ममता उसका सबसे बड़ा गुण है। देवी का तीसरा स्वरूप है पुरुष को लुभाकर शारीरिक भोग-विलास से जीवन-चक्र में बाँधने वाली अप्सरा। जहाँ स्त्री घर-गृहस्थी के बन्धन में बँध जाती है तो उजागर होता है उसका चौथा स्वरूप, पत्नी के रूप में, जो अपने पतिव्रतता से चमत्कार करने की शक्ति भी रखती है। पाँचवाँ स्वरूप है बदला लेने वाली डरावनी, खूँखार आसुरी का। देवी के इन पाँच स्वरूपों को लेखक ने बहुत ही रोचक लोककथाओं और किंवदंतियों के ज़रिये पाठक के सामने उजागर किया है। देवदत्त पट्टनायक पौराणिक विषयों के जाने-माने विशेषज्ञ हैं।
पौराणिक कहानियों, संस्कारों और रीति-रिवाज़ों का हमारी आधुनिक ज़िन्दगी में क्या महत्त्व है, इस विषय पर वह लिखते भी हैं और जगह-जगह व्याख्यान भी देते हैं। इनकी पन्द्रह से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और टीवी पर इनका कार्यक्रम भी दिखाया जाता है। विष्णु के सात रहस्य, शिव के सात रहस्य, शिखण्डी और कुछ अनसुनी कहानियाँ, देवी के सात रहस्य, भारतीय पौराणिक कथाएँ और पशु उनकी अन्य बहुचर्चित पुस्तकें हैं।
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2016 |
Pulisher |
देवदत्त पटनायक
पौराणिक विषयों के जाने-माने विशेषज्ञ हैं। पौराणिक कहानियों, संस्कारों और रीति-रिवाज़ों का हमारी आधुनिक ज़िन्दगी में क्या महत्त्व है, इस विषय पर वह लिखते भी हैं और जगह-जगह व्याख्यान भी देते हैं। इनकी तीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और टीवी पर इनका कार्यक्रम भी दिखाया जाता है। शिव के सात रहस्य, शिखण्डी और कुछ अनसुनी कहानियाँ, देवी के सात रहस्य, पशु, भारतीय पौराणिक कथाएँ, भारत में देवी, शिव से शंकर तक और सीता के पाँच निर्णय उनकी अन्य बहुचर्चित पुस्तकें हैं।
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