Bheetar Ka Vaqt

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Bheetar Ka Vaqt

Bheetar Ka Vaqt

90.00 68.00

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90.00 68.00

Author: Alpana Mishra

Availability: 5 in stock

Pages: 142

Year: 2006

Binding: Hardbound

ISBN: 8126311452

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

भीतर का वक्त

अल्पना मिश्र की कहानियाँ जिस सघनता और सहजता के साथ सम्बन्धों और स्थितियों की बाहरी दुनिया से ‘भीतर’ को देखती हैं वह आज के स्त्री-मन में हो रहे बड़े परिवर्तन की ओर संकेत करती हैं। आज की स्त्री अपनी लैंगिक वर्जनाओं की सीमा को लाँघकर अपने व्यक्तित्व की खोज कर रही है और यह खोज बौद्धिक स्वावलम्बन की ओर उन्मुख है। स्त्री की पालतू रस-परस मुद्रा और इस्तेमाल हो जाने की विवशता पर मर्माघात करने की अद्भुत क्षमता अल्पना में मौजूद है। हम अल्पना से उस गहरी अन्तर्दृष्टि की भी अपेक्षा करते हैं जो स्त्री की जीविका और आर्थिक स्वतन्त्रता के नये संवेदन संस्कार को भी अभिव्यक्त करेगी। इस अनुशासन की भाषा-भंगिमा के नये स्वरूप, आत्मपीड़ा और आत्मदया से नहीं बल्कि पुरुष के समान ही शिक्षित और सेहतमन्द नागरिक होने की संज्ञा को प्रमाणित करने से बनेंगे। हम अल्पना मिश्र की पीढ़ी से उम्मीद करते हैं कि वह मानवीय समाज के इस महत्त्वपूर्ण बदलाव को मनोवैज्ञानिक विकास प्रक्रिया या विद्रोह की राजनीति के रूप में नहीं देखे बल्कि स्त्री हो या पुरुष उसे समस्त मानव समुदाय की अस्मिता की नयी पहचान के रूप में देखे।

— कृष्णा सोबती

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2006

Pulisher

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