Gudia Bhitar Gudiya

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Gudia Bhitar Gudiya

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399.00 299.00

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Author: Maitriye Pushpa

Availability: 5 in stock

Pages: 352

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9788126722426

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

गुड़िया भीतर गुड़िया
तो यह है मैत्रेयी पुष्पा की आत्मकथा का दूसरा भाग। कस्तूरी कुंडल बसै के बाद गुड़िया भीतर गुड़िया। अगर बाज़ार की भाषा में कहें तो मैत्रेयी का एक और धमाका। आत्मकथाएँ प्रायः बेईमानी की अभ्यास-पुस्तिकाएँ लगती हैं क्योंकि कभी सच कहने की हिम्मत नहीं होती तो कभी सच सुनने की। अक्सर लिहाज़ में कुछ बातें छोड़ दी जाती हैं तो कभी उन्हें बचा-बचाकर प्रस्तुत किया जाता है। मैत्रेयी ने इसी तनी रस्सी पर अपने को साधते हुए कुछ सच कहे हैं – अक्सर लक्ष्मण-रेखाओं को लाँघ जाने का ख़तरा भी उठाया है।

मैत्रेयी ने डा. सिद्धार्थ और राजेन्द्र यादव के साथ अपने सम्बन्धों को लगभग आत्महन्ता बेबाकी के साथ स्वीकार किया है। यहाँ सबसे दिलचस्प और नाटकीय संबंध है पति और मैत्रेयी के बीच, जो पत्नी की सफलताओं पर गर्व और यश को लेकर उल्लसित हैं मगर सम्पर्कों को लेकर ‘मालिक’ की तरह सशंकित। घर-परिवार के बीच मैत्री ने वह सारा लेखन किया है जिसे साहित्य में बोल्ड, साहसिक और आपत्तिजनक इत्यादि न जाने क्या-क्या कहा जाता है और हिन्दी की बदनाम मगर अनुपेक्षणीय लेखिका के रूप में स्थापित है।

गुड़िया भीतर गुड़िया एक स्त्री के अनेक परतीय व्यक्तित्व और एक लेखिका कि ऐसी ईमानदार आत्म-स्वीकृतियाँ है जिनके साथ होना शायद हर पाठक की मजबूरी है। हाँ, अब आप सीधे मुलाकात कीजिए गुड़िया भीतर गुड़िया यानी साहित्य की अल्मा कबूतरी के साथ।

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Binding

Paperback

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Publishing Year

2023

Pulisher

Language

Hindi

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