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Description
जलते बुझते लोग
एक ही पुस्तक में तीन लघु उपन्यास। जलावतन-तन के थोड़े-से बरसों में, मन की अन्तर-सतह में उतर जाने की वह कहानी है, जो जलते बुझते अक्षरों में लिपटी हुई है। जेबकतरे-यह एक उदास नस्ल की वह कहानी है, जिसमें किरदारों के पैर ज़िन्दा हैं, पैरों के लिए रास्ते मर गए हैं-कच्ची सड़क-उठती जवानी में किस तरह एक कम्पन किसी के अहसास में उतर जाता है कि पैरों तले से विश्वास की ज़मीन खो जाती है-यही बहक गए बरसों के धागे इस कहानी में लिपटते भी हैं, मन-बदन को सालते भी हैं, और हाथ की पकड़ में आते भी हैं-ये तीनों लघु उपन्यास उन किरदारों को लिए हुए हैं, जो उठती जवानी में चिन्तन की यात्रा पर चल दिए हैं और इन तीनों का इकट्ठा प्रकाशन समय और समाज का एक अध्ययन होगा।
मशहूर कवयित्री और लेखिका अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया, जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2015 |
Pulisher |
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