Jamana Badal Gaya – Part-1

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Jamana Badal Gaya – Part-1

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Author: Gurudutt

Availability: 9 in stock

Pages: 470

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9789386336736

Language: Hindi

Publisher: Hindi Sahitya Sadan

Description

जमाना कब बदलेगा ?

जब वे वहाँ से अजन्ता की ओर चले तो यात्री ने पुनः बात आरम्भ कर दी। उसने कहा, ‘‘मिरज़ा, तुमने कहा है कि मिरज़ा का लकब लिये आपकी पन्द्रह पीढ़ियाँ गुजर चुकी हैं।’’

भगवान् हमारे भाग्य को बदलेगा अथवा नहीं, पता नहीं, परन्तु ज़माना तो बदल ही रहा है। क्यों ? इसलिए कि हम बदल रहे हैं।

हमारे बदलने में भी एक कारण है। इसी कारण की विवेचना में यह पुस्तक लिखी गयी है।

ऐसा माना जाता है कि भारत प्राचीन काल में एक उन्नत देश था। यहां के रहने वाले, कम से कम चरित्र में, संसार के अन्य पुरुषों से बहुत श्रेष्ठ थे। उस काल के मनुष्यों से भी और आजकल के मनुष्यों से भी। साथ ही इस कथन में संदेह किया जाता है कि भौतिक दृष्टि से भारत एक पिछड़ा हुआ देश था तथा आज का संसार और भारत प्राचीन काल के भारत से बहुत आगे निकल चुका है।

 

जी ! तेरह गुजर चुकी हैं। चौदहवीं, पन्द्रहवीं और सोलहवीं अभी जीवित हैं। मेरे वालिद शरीफ अभी हैं। मेरी अपनी भी औलाद है। एक लड़का और एक लड़की।’’

‘‘इसका मतलब यह हुआ कि इस मुगल खानदान की शुरुआत हुए साढ़े तीन सौ से ज्यादा साल हो गये हैं। तो क्या औरंगज़ेब का इससे किसी किस्म का ताल्लुक है ?’’

‘‘औरंगज़ेब का हमारे खानदान से तो इतना ही ताल्लुक है कि वह हमारी बरबादी में वजह हुआ था। उसने हमारे बुजुर्ग की माँ को बहुत तंग किया था।’’

‘‘तो ये सब बातें लिखी हैं उस किताब में ?’’

जब वे वहाँ से अजन्ता की ओर चले तो यात्री ने पुनः बात आरम्भ कर दी। उसने कहा, ‘‘मिरज़ा, तुमने कहा है कि मिरज़ा का लकब लिये आपकी पन्द्रह पीढ़ियाँ गुजर चुकी हैं।’

एक कवि ने लिखा है :

तू भी बदल फलक कि ज़माना बदल गया।

वह कह रहा है कि हे भगवान् ! तू भी बदल। अर्थात् हमारे भाग्य को बदल, क्योंकि सब कुछ बदल गया है।

भगवान् हमारे भाग्य को बदलेगा अथवा नहीं, पता नहीं, परन्तु ज़माना तो बदल ही रहा है। क्यों ? इसलिए कि हम बदल रहे हैं। हमारे बदलने में भी एक कारण है। इसी कारण’ की विवेचना में यह पुस्तक लिखी गयी है। ऐसा माना जाता है कि भारत प्राचीन काल में एक उन्नत देश था। यहां के रहने वाले, कम से कम चरित्र में, संसार के अन्य पुरुषों से बहुत श्रेष्ठ थे। उस काल के मनुष्यों से भी और आजकल के मनुष्यों से भी। साथ ही इस कथन में संदेह किया जाता है कि भौतिक दृष्टि से भारत एक पिछड़ा हुआ देश था तथा आज का संसार और भारत प्राचीन काल के भारत से बहुत आगे निकल चुका है।

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Paperback

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Hindi

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2021

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