Jareela

-23%

Jareela

Jareela

299.00 229.00

In stock

299.00 229.00

Author: Bhalchandra Nemade

Availability: 5 in stock

Pages: 304

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9788119159024

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

जरीला

जरीला चांगदेव पाटील नामक युवक के बहाने उस अखिल भारतीय भूमि की जटिल वास्तविकता से रूबरू कराता है जो जाति, धर्म, परम्परा, संस्कार और इनके साथ ईर्ष्या, अहंकार, स्पर्द्धा आदि भावों के मिलने से बनती है। इसमें भारतीय जन-जीवन के उस पहलू  रेखांकित किया गया है जिसे किसी एक प्रान्त या स्थान तक सीमित नहीं किया जा सकता।

चांगदेव इस भूमि पर स्वयं को अकेला अनुभव करता है। वह अपने आसपास की संकीर्णताओं से ऊब उठता है लेकिन किसी से स्थायी घृणा उसे कभी नहीं होती। अपनी तरफ से वह अपेक्षा से ज्यादा देता है और जवाब में बहुत कम चाहता है। उसके लिए बड़े सवाल वे नहीं जो आसपास के सब लोगों के हैं। अपने होने की परम सार्थकता को अनुभव कर पाना ही उसकी एकमात्र इच्छा है।

वह एक पहाड़ी गाँव के कॉलेज में प्रोफेसर है जहाँ पर जाति की राजनीति सबसे प्रभावी शक्ति है। लेकिन वह उस सबसे ऊपर उठकर अपना काम करता रहता है और खुश है। विद्यालय के सहकर्मी अध्यापकों और गाँव के लोगों के साथ उसका अपनी तरह का एक सम्बन्ध बनता है। लेकिन तभी गाँव का ट्रांसफार्मर जल जाता है, और छह महीने के लिए लोग वापस अन्धकार युग में चले जाते हैं। बाहर का यह अँधेरा धीरे-धीरे उसके भीतरी अकेलेपन को इतना गहरा देता है कि वह घबरा उठता है। किसी से या कहीं से अन्तिम तौर पर जुड़ नहीं जाना है, उसका यह आन्तरिक आग्रह भी उसे गतिमान रखता है। अपने मामूलीपन को बचाते हुए वह जिन मूल्यों की रक्षा करता है, वे उसके सामने बहुत स्पष्ट नहीं हैं लेकिन वह उसी अस्पष्ट से मानवीय आग्रह के आधार पर अपने व्यक्तित्व को खड़ा करता है।

जरीला स्वतंत्र रूप से उतना ही दिलचस्प और पूर्ण पाठ है, जितना कि शृंखला की एक कड़ी के रूप में। यह एक बड़ी विशेषता है।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Jareela”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!