Kaisa Sach
Kaisa Sach
₹200.00 ₹170.00
₹200.00 ₹170.00
Author: Aasha Prabhat
Pages: 111
Year: 2010
Binding: Hardbound
ISBN: 9788126718467
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Description
कैसा सच
सुपरिचित लेखिका आशा प्रभात का यह कहानी संग्रह कैसा सच अपने नामानुसार ही हकीकत का भिन्न-भिन्न रूप समेटे हुए है अपने अन्दर। ये कहानियाँ सामाजिक विसंगतियों को परत-दर-परत खोलती उसके यथार्थ से गहराई से साक्षात्कार कराती हैं। लेखिका ने ‘स्त्री’ के व्यक्ति बनने की जद्दोजहद को अपनी रचनाओं में रेखांकित कर नए दृष्टिकोण से अवगत कराया है। उनकी रचनाओं की पात्र समाज की रूढ़िवादी परम्पराओं को तोड़ने का ऐलान नहीं करती बल्कि खामोशी से परम्पराओं की दीवारें लाँघ आगे निकल जाती है और आत्मविश्वास से लबरेज यह पुरुषों से टकराव किए बगैर अपनी पहचान कायम करती है।
ये कहानियाँ सिर्फ सामाजिक विसंगतियों से ही नहीं बल्कि व्यवस्था के घातक तन्त्रों से भी रू-ब-रू कराती हैं कि कैसे इनसान जाने-अनजाने व्यवस्था का अंग बन उसकी बुराइयों में शरीक होता चला जाता है और जब तक उसे अपने फँसने का बोध होता है, बहुत देर हो चुकी होती है, और यह देरी ही जन्म देती है एक संवेदनहीन समाज को, जहाँ बड़े-से-बड़े तूफान की आहट सुन इनसान सिर्फ पल भर के लिए चौंकता है, नजरें उठाकर देखता है और फिर आँखें बन्द कर सो जाता है।
आशा प्रभात की रचनाओं का फलक विस्तृत है। भाषा, शिल्प, कथ्य तथा बुनावट के स्तर पर ये कहानियाँ इतनी चुस्त हैं कि कब ये पाठकों को अपना हमख़याल और हमसफर बना लेती हैं, उन्हें आभास तक नहीं होता और जब पड़ाव आता है तो पाठक काफी समय तक उनके प्रभाव से खुद को मुक्त नहीं करा पाते। लेखिका ने स्त्री-विमर्श को नया आयाम देने की कामयाब कोशिश की है।
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2010 |
Pulisher |
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