Manjul Bhagat : Samagra Katha Sahitya-2 (Sampooran Kahaniyan)
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Description
मंजुल भगत : समग्र कथा साहित्य-2 (सम्पूर्ण कगानियाँ)
- शादी की सालगिरह
- नागपाश
- नालायक बहू
- खोज
- बुआ जी
- निशा
- विधवा का श्रृंगार
- एक झुका हुआ आदमी
- रसप्रिया
- पावरोटी और कटलेट्स
- बीवी और बाँदी
- गुलमोहर के गुच्छे
- दूसरा प्यार
- आत्महत्या के पहले
- त्यागमयी
- चौराहे के बीच
- सादगी
- संबंधहीन
- कबाड़
- खट्टी-मीठी गोलियाँ
- मृत्यु की ओर
- दादाजी का बटुआ
- ब्यूटी सैलून
- अलग-अलग दायरे
- तीन पेड़ों के साए में
- जिंदादिल
- खाली तारीख
- सफल पुरुष और लँगड़ी बत्तखे
- तीसरा अस्तित्व
- क्या छूट गया
- बेबेजी
- कितना छोटा सफर
- भग्नावशेष
- पारुल के लिए
- मोहरा
- झरोखे से मुँडेर तक
- गत्ते के राजमुकुट
- दोबारा
- शैतान-बाजा
- बावन पत्ते और एक झोकर
- पायदान
- मरने की जगह
- दहलीज के पार
- ले सर्वसुहागन करवरा
- अजूबा
- कसर
- अपना अपना नशा
- स्याह घर
- शुभ अशुभ
- नुक्कड़ की चाट
- करवट-दर करवट एहसास
- सफेद कौआ
- छोटा डॉक्टर
- सौलिनियों का कश्मीर
- गुलदुपहरिया
- तीसरी औरत
- दूत
- चिनार : अपने अपने
- कील पे अटकी कागज की चिंदी
- अंतिम बयान
- मलबा
- बेनूर चेहरों की दावत
- वह जो एक चाहत हुआ करती थी
- अंतिम चोट
- काली लड़की का करतब
- बूँद
- ठग लिया नौशा हमारा
- बानो
- अंधे मोड़
- लाल बहू
- पुलिंदे
- चील के झपट्टे सी चीख
- लाज घोड़ी, साजन बैंड
- अस्मि
- पटरी की पगली
- ऊदबिलाव
- कुएँ का मेढक
- रौनक
- रुकी हुई रफ्तार
- छुरी-काँटे
- ठंडमार सिंह
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2004 |
Pulisher |
Reviews
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