Mera Lahuluan Punjab

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Mera Lahuluan Punjab

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195.00 165.00

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195.00 165.00

Author: Khushwant Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 167

Year: 2016

Binding: Paperback

ISBN: 9788126714568

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

मेरा लहूलुहान पंजाब

बैसाख की पहली तिथि पंजाबी पंचांग के अनुसार नववर्ष दिवस के रूप में मनाई जाती है। इसी दिन 13 अप्रैल, 1978 को जरनल सिंह भिंडरावाले ने धूम-धड़ाके से पंजाब के रंगमंच पर पदार्पण किया। इस घटना से न केवल पंजाब के जन-जीवन में तूफान आया बल्कि पूरे देश के लिए इसके दूरगामी परिणाम हुए। पूरा पंजाब अशांत और आतंकवाद के हाथों क्षत-विक्षत हो गया और धीरे-धीरे यह समस्या इतनी पेचीदा बन गई कि देश की अखंडता के लिए यह सचमुच का खतरा बनती दिखाई दी। सुप्रसिद्ध रूप से इस समस्या का इतिहास दर्शाती है, स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद पंजाबियों के गिले-शिकवों और असंतोष का विवरण देती है, और सभी प्रमुख घटनाओं पर रोशनी डालती है। लेखक का व्यक्तिगत जुड़ाव पुस्तक को विशेष प्रमाणिकता प्रदान करता है, जो लगभग इसके प्रत्येक पृष्ठ पर प्रकट है। इसमें लेखक ने एक तरफ पंजाब की राजनीति तथा दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा जान-बूझकर खेले जानेवाले शरारतपूर्ण राजनीतिक खेलों पर अपने विचार प्रकट किए हैं।

इसका परिणाम यह हुआ कि भारत के सबसे उन्नतिशील राज्य की प्रगति के मार्ग में गत्यवरोध आ गया, यहाँ की कृषि और औद्योगिक अर्थव्यवस्था तहस-नहस होने लगी, इसका प्रशासन और न्यायपालिका पंगु बनकर रह गए। जो लोग इस गत्यवरोध को अधिक गहराई से समझना चाहते हैं उनके लिए यह पुस्तक अवश्य पठनीय है।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2016

Pulisher

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