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Description
मुझे घर ले चलो
देश तुम कैसे हो ?
कैसे हो तुम देश ?
तुम, देश कैसे हो ?
कैसे हो तुम देश ?
मेरा दिल तड़पता है तुम्हारे लिए, तुम्हारा नहीं ?
मेरा जीवन छीज रहा है तुम्हें याद करते हुए, और तुम्हारा ?
खोई रहती हूँ सपनों में, तुम ?
अपने घाव, दुःख
अपने आँसू
छिपाए रखती हूँ गोपन में।
गोपन में छिपाए रखती हूँ उड़ते बाल, फूल, गहरी सांस।
मैं कुशल नहीं हूँ, तुम सकुशल रहना, प्रिय देश !
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2008 |
Pulisher |
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