Pahala Padav

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Pahala Padav

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Author: Shrilal Shukla

Availability: 10 in stock

Pages: 243

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9788171785278

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

पहला पड़ाव

राग दरबारी-जैसे कालजयी उपन्यास के रचयिता श्रीलाल शुक्ल हिन्दी के वरिष्ठ और विशिष्ट कथाकार हैं। उनकी कलम जिस निस्संग व्यंग्यात्मकता से समकालीन सामाजिक यथार्थ को परत-दर-परत उघाड़ती रही है, पहला पड़ाव उसे और अधिक ऊँचाई सौंपता है। श्रीलाल शुक्ल ने अपने इस नए उपन्यास को राज-मजदूरों, मिस्त्रियों, ठेकेदारों, इंजीनियरों और शिक्षित बेरोजश्गारों के जीवन पर केन्द्रित किया है और उन्हें एक सूत्र में पिरोये रखने के लिए एक दिलचस्प कथाफलक की रचना की है। संतोष कुमार उर्फ सत्ते परमात्मा जी की बनती हुई चौथी बिल्डिंग की मुंशीगीरी करते हुए न सिर्फ अपनी डेली-पैसिंजरी, एक औसत गाँव-देहात और ‘चल-चल रे नौजवान’ टाइप ऊँचे संबोधनों की शिकार बेरोज़गार जिन्दगी की बखिया उधेड़ता है, बल्कि वही हमें जसोदा उर्फ ‘मेमसाहब’-जैसे जीवंत नारी चरित्र से भी परिचित कराता है।

इसके अलावा उपन्यास के प्रायः सभी प्रमुख पात्रों को लेखक ने अपनी गहरी सहानुभूति और मनोवैज्ञानिक सहजता प्रदान की है और उनके माध्यम से विभिन्न सामाजिक-आर्थिक अंतर्विरोधों, उन्हें प्रभावित-परिचालित करती हुई शक्तियों और मनुष्य-स्वभाव की दुर्बलताओं को अत्यंत कलात्मकता से उजागर किया है। वस्तुतः श्रीलाल शुक्ल की यह कथाकृति बीसवीं शताब्दी के अन्तिम दशकों में ईंट-पत्थर होते जा रहे आदमी की त्रासदी को अत्यन्त मानवीय और यथार्थवादी फलक पर उकेरती है।

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Authors

Binding

Hardbound

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Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

Language

Hindi

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