Parajay

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150.00 135.00

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Author: Nirmal Verma

Availability: 5 in stock

Pages: 314

Year: 2010

Binding: Paperback

ISBN: 9789352291571

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

पराजय

पराजय सोवियत रूसी लेखक फ़ेदयेव का पहला उपन्यास है। उपन्यास घटना-क्रम छापामारों के जीवन की जटिलताओं, आस्थाओं और परेशानियों के गिर्द घूमता है। उपन्यास का केंद्रीय चरित्र लेविनसन, एक गुरिल्ला नायक है, जो कम्युनिस्ट चेतना के उच्च आदर्शों की प्रतिमूर्ति है। वह न केवल ईमानदार है, मार्मिक ढंग से मानवीय भी है। क्रांति के विकट समय में, जब जंगल में भूख, ठंड और हथियारों की कमी से जूझते छापामारों का आत्म-बल क्षीण है, लेविनसन की मानवीयता और चारित्रिक दृढ़ता के चलते ही वोल्शेविक क्रांति का यह युद्ध लड़ा जा रहा है।

फ़ेदयेव के स्वयं छापामार रहे आने के अनुभवों के कारण इस उपन्यास का कथानक न केवल विश्वसनीय बन पड़ा है, बल्कि रूसी क्रांति में अपनी आस्था को भी सच्चे, सटीक ढंग से संप्रेषित करता है। कई मायनों में यह एक उदास किताब है। सच्ची आस्था इतिहास में गलत पक्षधरता के कारण किस कदर आत्म-पराजयी हो सकती है – पराजय और उसके लेखक फ़ेदयेव का जीवन इसका उदाहरण हैं।

उल्लेखनीय यह भी है कि इस पुस्तक का अनुवाद युवा कथाकार निर्मल वर्मा ने 1954 में किया था, जब वह स्वयं एक क्रांतिकारी कम्युनिस्ट थे और कम्युनिज़्म से उनका मोहभंग (1956) अभी होना था। जो लोग सोवियत क्रांति की पीठिका में रुचि रखते हैं उन्हें यह उपन्यास अवश्य आकर्षित करेगा।

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Authors

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

Pages

Publishing Year

2010

Pulisher

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