Paryavaran Sanrakshan

-17%

Paryavaran Sanrakshan

Paryavaran Sanrakshan

350.00 290.00

In stock

350.00 290.00

Author: Yogendra Sharma

Availability: 5 in stock

Pages: 176

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9789389742312

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

पर्यावरण संरक्षण

वर्तमान में बढ़ता प्रदूषण, कम होते वन, घटते वन्य जीव, प्राकृतिक सम्पदा का अत्यधिक दोहन, प्रकृति के संसाधनों की ओर बढ़ती उपभोग की प्रवृत्ति, अवैध एवं अनियोजित ढंग से वनों की कटान, जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या वृद्धि, पृथ्वी का अन्धाधुन्ध दोहन, ओजोन परत का क्षरण, तेजाबी वर्षा, ग्लोबल वार्मिंग, जल में अपशिष्ट का ‘मिलना, भूस्खलन, सूखा, बाढ़ एवं जैव विविधता पर कुप्रभाव आदि कारकों के कारण पर्यावरण ‘असन्तुलित हो रहा है जिससे यह विश्वव्यापी समस्या बन गयी है जो चिन्ताजनक है।

भारतीय संस्कृति सदैव पर्यावरण की पोषक रही है। इसमें पर्यावरण के अवयव तथा जल, आकाश, सूर्य, चन्द्र, वनस्पति एवं कतिपय जीव-जन्तुओं को पूज्य मानने की मान्यताएँ रही हैं जो पर्यावरण के ‘संरक्षण से जुड़ी हैं। पर्यावरण का सम्बन्ध केवल संस्कृति से ही नहीं है अपितु संस्कारों तथा सरोकारों से भी है। हमारी संस्कृति में स्वच्छता को भक्ति का स्थान दिया गया है। वृक्ष, वन एवं वनस्पति पृथ्वी के आभूषण और प्रकृति के उपहार हैं और धरती तो माँ है। जब तक मानव प्रकृति का भाग रहता है, प्रकृति उनका संरक्षण करती है। प्रकृति स्वतः पेड़ लगाती रहती है, हमें तो उनका संरक्षण करना है। इस कृति के द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना जगाने का प्रयास किया गया है।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Paryavaran Sanrakshan”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!