Premchand : Jeevan Aur Srijan

-23%

Premchand : Jeevan Aur Srijan

Premchand : Jeevan Aur Srijan

350.00 270.00

In stock

350.00 270.00

Author: Vishwanath Narvane

Availability: 5 in stock

Pages: 304

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9789394902749

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

प्रेमचन्द : जीवन और सृजन

महान कथाकार प्रेमचन्द के जीवन और कृतित्व पर केन्द्रित यह पुस्तक प्रेमचन्द पर लिखी गई अन्य पुस्तकों से अलग इसलिए है कि इसे गहरे व्यक्तिगत लगाव और आलोचकीय तटस्थता, दोनों को साधते हुए लिखा गया है। मूलत: अंग्रेजी में लिखित इस पुस्तक का मूल उद्देश्य तो प्रेमचन्द के सम्पूर्ण का परिचय देना है, लेकिन उनके व्यक्तित्व, रचनाधर्मिता  और उनके समय का सम्यक विश्लेषण भी इसमें होता चला है।

दर्शनशास्त्र और प्राचीन संस्कृत साहित्य का गम्भीर पाठक होने के नाते प्रो. नरवणे ने इसमें प्रेमचन्द के पात्रों के विकास और समस्याओं की पड़ताल करने के साथ व्यक्ति के रूप में प्रेमचन्द का मूल्यांकन भी किया है।

पुस्तक के पहले चार अध्यायों के केन्द्र में प्रेमचन्द का जीवन है जिसकी पृष्ठभूमि में भारतीय इतिहास का सर्वाधिक उत्तेजक, परिवर्तनशील और आन्दोलनकारी समय था। इसलिए बावजूद इसके कि स्वयं प्रेमचन्द का जीवन उतना घटना-प्रधान नहीं है, उस समय का विवरण विशेष तौर पर पठनीय है। साथ ही यह भी कि प्रेमचन्द उस समय को न सिर्फ़ अपनी रचनात्मकता में अंकित कर रहे थे, बल्कि उसमें अपनी पक्षधरता को भी स्पष्ट स्वर में अभिव्यक्त कर रहे थे।

इसके बाद के अध्यायों में क्रमश: उनके उपन्यासों, नाटक व अन्य सामग्री तथा कहानियों पर विस्तृत चर्चा की गई है। उनके लगभग सभी उपन्यासों और प्रमुख कहानियों पर केन्द्रित इन व्याख्याओं में कथा-सूत्र के साथ-साथ उनकी रचनात्मक गुणवत्ता को भी रेखांकित किया गया है।

अन्तिम अध्याय में लेखक ने प्रेमचन्द की कृतियों और उनके व्यक्तित्च को लेकर अपना निजी मूल्यांकन प्रस्तुत किया है। लेखक को उनकी रचनात्मकता की जो सीमा दिखाई पड़ी है उसको भी उन्होंने तटस्थतापूर्वक शब्दबद्ध करने का प्रयास किया है। प्रेमचन्द के अध्येताओं को निश्चय ही यह पुस्तक उपादेय लगेगी।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

Language

Hindi

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Premchand : Jeevan Aur Srijan”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!