Ras Bhasmo Ki Sevan Vidhi

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Ras Bhasmo Ki Sevan Vidhi

Ras Bhasmo Ki Sevan Vidhi

90.00 89.00

In stock

90.00 89.00

Author: Veni Prasad Vaidya

Availability: 8 in stock

Pages: 110

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 0000000000000

Language: Hindi

Publisher: Shree Baidyanath Ayurved Bhawan Pvt. Ltd.

Description

रस-भस्मों की सेवन विधि

विभिन्न आयुर्वेदीय ग्रन्थों में भस्म निर्माण के लिए भिन्न-भिन्न विधियों का निर्देश है और रसों के नुस्खे भी इतनी अधिक संख्या में अंकित हैं कि हर एक के लिए यह निश्चय कर पाना एकदम कठिन है कि वस्तुतः उत्तम भस्म-निर्माण की सर्वोत्तम विधि क्या है और बड़ी संख्या में वर्णित रसों में कौन-कौन से रस बहु उपयोगी हैं। अमुक भस्म या रस का यथार्थ गुण क्या है। इसका ज्ञान कर लेना महासमुद्र में मोती के प्राप्ति स्थान का पता लगाने के समान कठिन है। प्रकाण्ड विद्वानों और पीयूषपणि चिकित्सकों द्वारा पचासों वर्ष के अनुभव के आधार पर निर्धारित रस भस्मों के यथार्थ गुणों का वर्णन इस पुस्तक में किया गया है। प्रायः सदा ही काम में आनेवाले और सर्वथा अव्यर्थ रस-भस्मों को इस पुस्तक में लिया गया है जिससे हर चिकित्सक को वह ज्ञान एक ही स्थान पर सुलभ हो जावे जो वयोवृद्ध वैद्यों ने पचासों वर्ष के अनुभव से निश्चित किया है। यही इस पुस्तक की विशेष उपयोगिता है।

आर्युर्वेदीय चिकित्सा में रस भस्मों की प्रमुखता अकाट्य है। विशेषकर आज के युग में जबकि तुरन्त पीड़ा-हरण करनेवाली चमत्कारिक औषधों का प्रचार बढ़ रहा है आयुर्वेद में रस भस्म औषधें ही ऐसी हैं जो आधुनिक दवाओं के प्रचार का मुँह मोड़ने में सर्वथा समर्थ हैं।

ऐसी स्थिति में रस-भस्मों के सेवन करने की विधि और अनुपान आदि का पूरा ज्ञान होना अनिवार्य है। एक ही रस या भस्म अनुपान भेद से कई रोगों को नष्ट करती हैं। किस अनुपान से कौन-कौन रस-भस्म किस-किस रोग पर सर्वोपरि हैं, इसका ज्ञान दीर्घ अनुभव से ही हो सकता है। इस पुस्तक में अनुभव में आये अव्यर्थ प्रयोगों को ही संकलित किया गया है। इस प्रकार यह पुस्तक नए वैद्यों के लिए अत्यन्त उपयोगी है।

इस पुस्तक की भाषा इतनी सरल और वर्णनशैली इतनी सुबोध रखी गई है कि साधारण व्यक्ति भी इसके विषय को भली-भाँति समझ सके। रस भस्मों के प्रति सामान्य जनता में बड़ी गलत धारणाएँ फैलाई गई हैं-लोगों को भ्रम है कि नाड़ी छूटने की अन्तिम अवस्था में ही मकरध्वज की मात्रा दी जाती है अथवा कम उम्र में रस भस्म नहीं खानी चाहिये। इस पुस्तक से वे भ्रान्त धारणाएँ दूर होगीं। वस्तुतः रस- भस्में तुरन्त पीड़ा हरण करने में तो समर्थ हैं ही, वे शरीर में निरोगता बढ़ाने और शक्ति में स्थैर्य उत्पन्न करने का अनुपम साधन हैं-लोगों को इस यथार्थ का ज्ञान होगा-ऐसी हमें आशा है।

आयुर्वेदीय औषध विक्रेताओं के लिए यह पुस्तक बड़े काम की है। इससे उन्हें यह ज्ञान होगा कि कौन रस- भस्म अधिक उपयोगी है, सदा चलने वाले हैं और किनको पर्याप्त मात्रा में अपने पास रखना चाहिए। इस पुस्तक में उन ही रस भस्मों को स्थान दिया गया है।

जो अधिकाधिक उपयोगी हैं। इस पुस्तक के सहारे वे अपने ग्राहकों को यह बताने में सर्वथा समर्थ होंगे कि किस रस-भस्म को किस अनुपान के साथ किस प्रकार प्रयोग करने से विशेष लाभ होगा। ग्राहकों को औषध सेवन के विषय में ठीक निर्देश न मिले तो असली दवा भी पूरा लाभ नहीं करती और व्यर्थ ही देशी दवा के प्रति लोगों में अविश्वास फैलाता है। इस दिशा में यह पुस्तक महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगी।

चिकित्सा में रस-भस्मों के प्रयोग के साथ किस रोग में सहायक औषध के रूप में अन्य कौन आयुर्वेदीक औषध लेना चाहिए, इसका भी निर्देश इस पुस्तक में किया गया है। यह इस पुस्तक की अपनी विशेषता है।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

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